एयरपोर्ट गहवाई, बिलासपुर। रेलवे के बोर्ड की अनदेखी और यात्रियों को हो रही मंज़िल को लेकर कोर्ट में पेश हुआ कोर्ट ने डी रेलवे से अनाधिकृत आवेदन किया। कोर्ट ने पूछा कि यात्रियों और मेमू ट्रेनों को अब भी स्पेशल ट्रेन के रूप में क्यों पेश किया जा रहा है, जबकि रेलवे बोर्ड ने इसे नियमित करने का आदेश दिया है। केस के सुनवाई प्रमुख जस्टिस राकेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में हुई।
बिलासपुर के शौक़ीन सुदीप श्रीवास्तव ने रेलवे बोर्ड के 21 फरवरी 2024 के ऑर्डर के मुताबिक, लोकल ट्रेन और मेमू ट्रेन के रूप में अब भी स्पेशल ट्रेन के रूप में बुकिंग शुरू की है, जिसमें कहा गया है कि यात्रियों को सुविधा मिल रही है। को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
2021 से सभी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें नियमित रूप से चल रही हैं, लेकिन लोकल पैसेंजर और मेमू ट्रेनें, जो मुख्य रूप से गरीब और छोटी दूरी के यात्रियों के लिए अहम हैं, अब भी स्पेशल ट्रेन के रूप में चल रही हैं। इसकी वजह से यात्रियों को मनमाना बिजनेसमैन, ट्रेन की नौकरी, और अचानक बंद होने वाली कंपनियों का सामना करना पड़ रहा है।
रेलवे की ओर से डिप्टी डिप्टी सॉलिसिटर जनरल रमाकांत मिश्रा ने कोर्ट को सूचित किया कि रेलवे बोर्ड ने सभी ट्रेनों, लोकल और मेमू टिकटों को नियमित करने का आदेश जारी किया है और यह आदेश बिलासपुर जोन पर भी लागू किया गया है।
मामले की सुनवाई के दौरान गुड़गांव ने बताया कि स्पेशल ट्रेन होने के कारण रेलवे अधिकारियों को किसी भी समय रद्द करने या उनके शेड्यूल में बदलाव करने का अधिकार मिल जाता है, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कोर्ट ने डी रामा बिलासपुर को एक सप्ताह के लिए शपथ पत्र में पद से हटाने की बात कही है।