रायपुर. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज प्रदेश के प्राचीन एवं ऐतिहासिक स्थल बाबा भोरमदेव का सावन मास के अवसर पर हजारों कावड़ियों का रथ से पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने हर-हर महादेव और बोल बम के जयघोष के साथ कावड़ियों और शिष्यों का स्वागत किया और उनका बधिर स्वागत किया। मुख्यमंत्री के साथ प्रमाण पत्र विजय शर्मा ने भी कावड़ियों का अभिनंदन किया।
यह छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार हुआ है, जब प्रदेश के मुख्यमंत्री ने स्वयं हेलीकॉप्टर से शिवभक्त कावड़ियों पर पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री साय ने इस अनोखे मंदिर में भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की, जिसमें उन्होंने प्रदेश की समृद्धि और खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री साय और फोटोग्राफर शर्मा ने मंदिर परिसर में भक्तों और भंडारा स्थलों पर अपने हाथों से भक्तों को खीर, पूड़ी, चावल और प्रसाद चढ़ाया। इस दौरान पंडरिया विधायक भावना बोहरा, जिला पंचायत अध्यक्ष सुशीला राम कुमार भट्ट, जिला अध्यक्ष इंद्राणी चंद्रवंशी, पूर्व विधायक अशोक साहू, और नगर पंचायत अध्यक्ष मनहरन कौशिक ने भी बाबा भोरमदेव भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद लिया।
सावन में शिवभक्तों के लिए ऐतिहासिक आयोजन
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सबसे पहले सभी भक्तों को सावन मास की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि सावन के तीसरे सोमवार को भगवान भोलेनाथ के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें और उन्होंने प्रदेश के सभी लोगों की सुख-शांति और समृद्धि की कामना की है। पवित्र सावन माह में शिवभक्तों के लिए यह ऐतिहासिक आयोजन हो रहा है। कबीरधाम जिले में स्थित बाबा भोरमदेव मंदिर के साथ-साथ, बूढ़ा महादेव और डोंगरिया के जलेश्वर महादेव जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों पर भी हर साल हजारों कावड़ियों द्वारा जलाभिषेक किया जाता है। इस अवसर पर, अमरकंटक से शिव भक्त पदयात्रा कर छत्तीसगढ़ के विभिन्न शिवालयों में जल चढ़ाते हैं।
कावड़ यात्रा की ऐतिहासिक परंपरा
बाबा भोरमदेव मंदिर 11वीं सदी का एक प्राचीन, ऐतिहासिक और ऐतिहासिक महत्व का मंदिर है, जहां हर साल सावन मास में कावड़ियों की पदयात्रा का आयोजन होता है। इस कावड़ यात्रा में मध्य प्रदेश के अमरकंटक से मां नर्मदा का पवित्र जल लेकर भक्तजन कठिन से जुड़कर बाबा भोरमदेव, जलेश्वर महादेव और पंचमुखी बूढ़े महादेव में जलाभिषेक करते हैं। इस दौरान वे “बोल बम” के जयघोष के साथ भगवान शिव की महिमा का गुणगान करते हैं। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में इस वर्ष की कावड़ यात्रा विशेष रूप से स्मरणीय रही, जिसमें सरकार की ओर से कावड़ियों के स्वागत और सेवा का अप्राकृतिक आयोजन किया गया।
छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें दिल्ली की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें अंग्रेजी की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें