रायपुर 12 नवम्बर 2024/ जनजातीय युवाओं को जनजातीय संस्कृति से परिचित कराते हुए युवाओं को जागरूक करने एवं उनमें आत्मविश्वास बढ़ाने हेतु भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर 13 नवम्बर को जनजातीय गौरव यात्रा 'माटी के वीर पदयात्रा' का आयोजन किया गया है। इस पदयात्रा में केंद्रीय युवा कार्यक्रम, खेल, श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के साथ 10 हज़ार से अधिक माई भारत यूथ वालंटियर्स पदयात्रा करेंगे। पदयात्रा 13 नवंबर को सवेरे 10 बजे से शुरू होगी।
इस पदयात्रा के लिए पूरे जशपुर जिले में तैयारियां तीव्र गति से की जा रहीं हैं। इस पदयात्रा में पूरे संभाग की जनजातीय संस्कृति, नृत्यों, आभूषण, व्यंजन एवं परम्पराओं का प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें पुरनानगर पेट्रोल पंप के निकट बस्तर के आये गौर सिंग नाचा दल द्वारा स्वागत के साथ संभाग के सभी जिलों के हस्तशिल्प से बने आभूषणों का प्रदर्शन किया जाएगा। जिसमें जशपुर के बांस के पीढ़ा, छिन्द की चटाई, छोपी माहुल पत्ती की टोपी, छिन्द एवं कांसा की टोकरी, खोमरा (गुंगु), अम्बिकापुर की काष्टकला, बांसशिल्प कला, गोदना कला, सूरजपुर की बांस कला, बलरामपुर की वाद्ययंत्र, देवगुड़ी, जनजातीय आभूषण, मनेन्द्रगढ़ कोरिया की लकड़ी की बनी वस्तुओं का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके साथ ही सभी जिलों के बने जनजातीय व्यंजनों का भी प्रदर्शन होगा।
बालाछापर में पदयात्रा का स्वागत मुंडा नृत्य द्वारा किया जाएगा। वहीं गम्हरिया स्थित काष्ठागार के समीप काष्ठ कला के लाइव प्रदर्शन के साथ माई भारत कियोस्क पंजीयन, एवं जनजातीय खेलों का आयोजन होगा। इसके साथ ही करमा नृत्य द्वारा पदयात्रा का स्वागत किया जाएगा। गम्हरिया में दिया, खप्पर एवं हवनकुंड के निर्माण का प्रदर्शन किया जाएगा। अघोर पीठ के निकट गहिरा गुरु के भक्तों द्वारा गहिरा भजनों का पाठ किया जाएगा। इसके साथ ही मुंडारी नृत्य दल द्वारा नृत्य करते हुए पदयात्रा की अगुवाई की जाएगी। रंगोली ढाबा के निकट जनजातीय दलों द्वारा जयद्रा नाचा एवं करमा नृत्य के अतिरिक्त सरगुजा संभाग में रहने वाली विशेष पिछड़ी जनजातीय समुदाय पहाड़ी कोरवा, बिरहोर, पंडों एवं बैगा जनजाति के लोगों के द्वारा अपनी पारम्परिक वेशभूषा एवं संस्कृति का प्रदर्शन किया जाएगा।
डोड़काचौरा बस्ती में कोरिया जिले के दल द्वारा शैला नृत्य एवं करमा नृत्य करते हुए पदयात्रा की अगुवाई करते हुए छिन्द की टोकरी, बांस की कलाकृति बनाने की जनजातीय कला का प्रदर्शन किया जाएगा। बांकी नदी पर स्थित पुल पर अम्बिकापुर के शैला नृत्य दल द्वारा पदयात्रा की अगुवाई करते हुए जनजातीय खेलों जैसे कबड्डी एवं खोखो का प्रदर्शन किया जाएगा। जैन मंदिर के समीप महादेवनाचा करते हुए बगीचा के दल के द्वारा पदयात्रा की अगुवाई की जाएगी जहां बांस की कलाकृति निर्माण के प्रदर्शन के साथ शास्त्रीय भजन संगीत का प्रदर्शन किया जाएगा।
बिरसा मुंडा चौक पर भगवान बिरसा मुंडा को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उनकी जीवन पर प्रकाश डालती आकर्षक प्रदर्शनी के साथ बगीचा के दल द्वारा मुण्डारी नृत्य द्वारा पदयात्रा का स्वागत किया जाएगा। महाराजा चौक पर करमा नृत्य एवं गुदुम बाजा के साथ सिहार पताई की टोपी निर्माण का प्रदर्शन किया जाएगा। ऐतिहासिक काली मंदिर एवं बालाजी मंदिर के निकट कैशव रामायण मण्डली के द्वारा रामायण पाठ द्वारा लोगों को अभिभूत किया जायेगा। वहीं जनजातीय दलों द्वारा अगरबत्ती एवं फूल माला निर्माण का प्रदर्शन किया जाएगा। वहीं बाला साहब देशपाण्डे उद्यान के निकट सूरजपुर के बायर नाचा दल द्वारा एवं अम्बेडकर चौक में मनेंद्रगढ़ के सुआ दल द्वारा पदयात्रा की अगुवाई की जाएगी। कुमार दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा के पास नगाड़ा बाजा के साथ नारायणपुर जिले के नृत्य दल द्वारा ककसार नृत्य का प्रदर्शन किया जाएगा। वहीं रणजीता स्टेडियम में जनजातीय समाज के युवाओं एवं माई भारत युवा स्वयंसेवकों को संबोधित किया जाएगा।
Trending
- होली मिलन समारोह में विधानसभा परिसर हुआ रंग-गुलाल से सराबोर
- मुख्यमंत्री ने किया ‘बस्तर पंडुम 2025’ का लोगो अनावरण
- बस्तर पंडुम में बस्तर की पारंपरिक नृत्य-शैली, गीत, रीति-रिवाज, वेशभूषा, आभूषण और पारंपरिक व्यंजनों का शानदार प्रदर्शन होगा। प्रतियोगियों के प्रदर्शन को मौलिकता, पारंपरिकता और प्रस्तुति के आधार पर अंक दिए जाएंगे। आयोजन में समाज प्रमुखों, जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ नागरिकों को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाएगा। प्रतियोगिता के विजेताओं के चयन के लिए एक विशेष समिति बनाई गई है, जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ आदिवासी समाज के वरिष्ठ मुखिया, पुजारी और अनुभवी कलाकार शामिल रहेंगे। इससे प्रतियोगिता में पारदर्शिता बनी रहेगी और पारंपरिक लोककला को न्याय मिलेगा।
- कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान विश्व धरोहर की दौड़ में शामिल
- जनजातीय समाज के विकास को नई दिशा – मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में जनजाति सलाहकार परिषद की पहली बैठक
- बस्तर की समृद्ध लोकसंस्कृति का भव्य उत्सव: ‘‘बस्तर पंडुम 2025’’ का आगाज 12 मार्च से
- मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने माता कौशल्या की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की
- छत्तीसगढ़ कुनबी समाज महासंगठन ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से की सौजन्य भेंट, फिल्म “छावा” को कर मुक्त करने पर किया आभार प्रकट