सत्या राजपूत, रायपुर। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को राज्य के सभी शासकीय और आशासकीय महाविद्यालयों में लागू किया जाएगा। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग की ओर से राज्य के सभी शासकीय और निजी महाविद्यालयों के प्राध्यापकों और सहायक प्राध्यापकों को प्रशिक्षण देने के लिए मास्टर ट्रेनर्स की प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की जा रही है। इस सीरीज में 27 जून को पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र में द्वितीय कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। उच्च शिक्षा विभाग की आयुक्त शारदा वर्मा ने कहा कि नई शिक्षा से विद्यार्थियों को जीवन के हर क्षेत्र में लाभ होगा और उनके व्यक्तित्व का विकास भी होगा।
कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त शारदा वर्मा थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा मानव जीवन का हिस्सा है। शिक्षा से ही मानव का कार्य व व्यवहार में उतरोत्तर परिशोधन होता है, जिससे अनुकूलता प्राप्त होती है, इस क्रम में नई शिक्षा नीति एक ठोस पहलु है। निश्चित रूप से विद्यार्थियों के लिए अनुकूल परिणाम. वर्तमान समय में बहुमुखी प्रतिभा के विकास की आवश्यकता है, जो नई शिक्षा नीति में शामिल है। इससे विद्यार्थियों को जीवन के हर क्षेत्र में लाभ होगा और उनका व्यक्तित्व विकास भी होगा। उन्होंने आगे कहा कि उच्च शिक्षा विभाग नई शिक्षा नीति के दुष्प्रभावों को लेकर गंभीर और तत्काल है।
प्रशिक्षण कार्यशाल के प्रारंभिक अवसर पर मुख्य अतिथि पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के प्राचार्य . सच्चिदानंद शुक्ल ने कहा कि वर्तमान परिवेश में समाज में तेजी से परिवर्तन हो रहा है। इस परिस्थिति में शिक्षा में परिवर्तन समय की मांग है। नई शिक्षा नीति इस परिवर्तन को पूर्ण करने के विकल्प के रूप में श्रेष्ठ नजर आती है। इसके लिए विश्वविद्यालय अपनी भूमिका निभाता है।
प्रशिक्षण सत्र में मास्टर्स ट्रेनर्स को विभिन्न विषय विशेषज्ञों की ओर से प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। विशेष बात यह है कि इस प्रशिक्षण में समग्र मूल्यांकन प्रणाली पर आधारित प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी जैसे विषयों पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम के संबंध में मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्र की निदेशक प्रोफेसर प्रीति के सुरेश ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्र के शिक्षकों के शिक्षण एवं प्रशिक्षण के निर्वाह के लिए तत्पर है। इस तरह के कार्यक्रम समय-समय पर संचालित किए जाते हैं, जिससे व्यक्तियों के शैक्षिक विकास में उन्हें लाभ प्राप्त हो सकता है।शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र के डॉ. बृजेन्द्र पाण्डेय ने बताया कि यह कार्य 28 जून तक चलेगा। इसमें छत्तीसगढ़ के विभिन्न महाविद्यालयों के प्राध्यापक सम्मिलित होंगे।