रायपुर। आज विश्व जागरूकता दिवस है। ऐसे मौके पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय से अच्छी खबर आ रही है। आईजीएनकेवीआई के प्रदूषित चीनी के विकल्प के तौर पर ऐसे उत्पाद तैयार कर रहे हैं, जो रुझान के लिए फायदेमंद होंगे। यह भी पढ़ें : रोहित शर्मा ने इंजमाम-उल-हक के दावे पर दी कड़ी प्रतिक्रिया, अर्थदीप की गेंदबाजी पर उठाया था सवाल
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूडब्ल्यूई) के अनुसार, विश्व में 44.2 करोड़ मधुमेह रोगी हैं। देश में वर्ष 2030 तक मधुमेह रोगियों की संख्या आठ करोड़ से अधिक होगी। आप ये आकृतियाँ तो देखते ही हैं, खतरे को लेकर आग भी करते हैं।
यह भी पढ़ें : पाकिस्तानी आम चुनाव की निष्पक्षता पर उठ रहे सवाल, अमेरिकी कांग्रेस ने की निष्पक्ष जांच की मांग…
सस्ती आर्गेलाइफ के संस्थापक उमेश बंशी ने बताया, वैसे तो हमारा कामदेव फूड का है, लेकिन कोशिश कर रहे हैं कि शुगर के विकल्प भी तैयार करें। इसके लिए हमने गुड पान बनाया है. इस देश का एकमात्र ऐसा माउथफ़्राइज़र है, जिसमें शुगर नहीं है। इसी तरह चॉकलेट के विकल्प के तौर पर गुड़ खुरचन और बिना चीनी का गुड़ पाचक तैयार किया गया है।
बबूल की नजर से दवा
सिटी की प्रियंका पांडे ने बबूल की चोट से ऐसी दवा तैयार की है, जिससे घाव तो भरेंगे ही, एंटीबॉयोटिक की जरूरत भी नहीं होगी। इस दवा का पेटेंट भी हो चुका है। उन्होंने बताया कि यह दवा सामान्य और मधुमेह दोनों रूपों में प्रभावी रहेगी। यह मेरे चूहे पर प्रयोग करने के लिए बनाया गया था। इस खोज के लिए मैंने करीब पाँच साल दिए हैं। छत्तीसगढ़ हर्बल स्टेट है लेकिन इस पर ज्यादा शोध नहीं किया जा रहा है। इसलिए मेरे हर्बल को चुना.
यह भी पढ़ें : राफेल मारिन की कीमत पर भारत और फ्रांस के बीच बनी सहमति, नौसेना की जरूरत के मिसिसिप्पी से होंगे बदलाव…
1. 1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8. 9. 1 …
उमेश बंशी ने बताया कि किवदंतियों के तत्वों को देखकर अच्छा लगता है। थोड़ी सी भी नमी से कीड़े लगने की आशंका बन जाती है। इसलिए हम इसमें काल्पनिक चरित्र बना रहे हैं। पूरे सेंट्रल इंडिया में ऐसा प्रयोग करने वाला और कोई नहीं है।