प्रतीक चौहान. रायपुर. रायपुर रेल मंडल के अधिकारी लल्लूराम डॉट कॉम में अपनी पोल से खासे बउखलाए हुए हैं। आलम यह है कि रेलवे अधिकारी सारी हदों को पार करते हुए खंगालने के लिए रेलवे स्टाफ के मोबाइल चेक करने शुरू कर दिए गए हैं कि किसने लल्लूराम तक विभाग की खबरें पहुंचाईं। बता दें कि लल्लूराम ने अवकाश विभाग के अनाधिकृत कार्यों को लेकर पोल खोलने की पहल की है। जिसके बाद कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी नाराज हैं। लेकिन लल्लूराम ये छवि जारी रहेगी और तथ्यों को यह भरोसा देता है कि उनसे हुई कोई भी बातचीत पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी।
मंदिरहसौद को रायपुर से कंट्रोल नंबर से किसने बुलाया? विजिलेंस कहां है?
सेवा विभाग के अधिकारियों ने सीनियर डीसीएम को खुश करने के लिए मंदिरहसौद से एक कर्मचारी को सीनियर डीसीएम कार्यालय के नाम पर रायपुर बुलाया है। लेकिन उक्त स्टाफ को साहब के रेस्ट हाउस में ड्यूटी कराई जा रही है। सवाल यह है कि कंट्रोल ऑर्डर नंबर के तहत उक्त स्टाफ को मंदिर हसौद से रायपुर किससे बुलाया गया है? रजिस्टर में अब भी उक्त स्टाफ की हजारी मंदिरहसौद में ही लग रही है। ऐसे में सवाल यह है कि रेलवे का सतर्कता विभाग कहां है जिसकी जांच करने की जिम्मेदारी है।
लल्लूराम में कथित खुलासा होने के बाद अधिकारी ने कथित कर्मचारी को बुलाकर पूछा कि क्या उनके घर/रेस्ट हाउस में काम करने में गड़बड़ी है? स्टाफ से अधिकारी ने पूछा कि लल्लूराम के पत्रकार ने उससे बातचीत की हैं क्या? जब उक्त स्टाफ ने कहा कि उन्हें काम करने में दक्षता नहीं है… और वे लल्लूराम के पत्रकार को नहीं जानते… तो साहब पूरी तरह निश्चिंत हो गए कि अब कोई कुछ नहीं कर सकता…
लेकिन सवाल यह है कि जिस व्यक्ति की नौकरी रेलवे की नौकरी करने के लिए लगी है, आखिर वह अधिकारी की नौकरी क्यों करेगा। नौकर को मना नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह मजबूर है। परन्तु क्या उसके अन्तरात्मा इस बात की गवाही देगा। समस्या यह है कि उसकी परेशानी को दूर करने वाला कोई नहीं है।
क्या आपने कभी अपने मोबाइल पर अलार्म स्टाफ़ चेक किया है?
सवाल यह है कि DRM ऑफिस के स्टाफ़ का मोबाइल चेक करने का अधिकार किसने दिया? क्या किसी अधिकारी और कर्मचारी ने रेलवे कर्मचारियों का मोबाइल चेक किया है? इस पूरे प्रकरण के बाद, स्टाफ विभाग के कर्मचारी काफी दुखी हैं। लल्लूराम ने मोबाइल चेक करने वाले स्टाफ और अधिकारी को फोन कर उनका पक्ष लिया। तो उनका कहना है कि इस संबंध में वे कुछ नहीं बता सकते। रेलवे के लिए ये जांच का विषय है कि रेलवे स्टाफ का मोबाइल किस अधिकारी के चेंबर में चेक किया गया!
सतर्कता जांच ? सीनियर डीसीएम की कॉन्सेप्ट आईडी कहां से हो रही है लॉगिन
सूत्र बताते हैं कि रेलवे के सतर्कता विभाग को वरिष्ठ डीसीएम को रेलवे के द्वारा दी गई सभी गोपनीय आईडी की जांच करनी चाहिए ताकि वह किस-किस कंप्यूटर से लॉगिन हो रही हो। ऐसे करने के बाद एक बड़ा खुलासा हो सकता है. सूत्र बताते हैं कि रेलवे अधिकारी की दो गोपनीय आईडी वही दो चाहते स्टाफ और अधिकारी के पास होते हैं, जिन्होंने स्टाफ का मोबाइल चेक किया। सूत्र तो यहां तक दावा कर रहे हैं कि लॉगिन के बाद ओटीपी अधिकारी के पास ही जाता है और वे उनसे पासवर्ड लेते हैं। हालाँकि, इस बात में कितनी सच्चाई है इसका खुलासा विजिलेंस की जांच के बाद होगा। लेकिन यदि ऐसा है तो रायपुर रेल मंडल में एक बड़ा खेल संचालित हो रहा है, जिसका अर्थ संभवतः रेलवे अधिकारी को नहीं है। इस संबंध में डीपीएम और सीनियर डीसीएम का पक्ष लेते हुए उन्हें फोन किया गया। लेकिन उन्होंने फोन का कोई जवाब नहीं दिया।
सीनियर सीनियर डीसीएम सेल किसकी अनुमति से बनाया गया है?
सूत्रों ने बताया कि रायपुर रेल मंडल में एक सीनियर डीसीएम सेल के नाम से सेल बनाया गया है। इसका प्रमुख भी मोबाइल जांच करने वाले स्टाफ को ही बनाया गया है। अब सवाल यह है कि ये सेल किस उद्देश्य से बनाया गया है और बिना रेलवे बोर्ड के किसी नियम के ये सेल क्यों बनाया गया है, और ये सेल रायपुर रेल मंडल में काम क्या करेगा? वर्तमान में, ये सेल यूएक्ट आईडी पासवर्ड और सभी गोपनीय जानकारी के एवज में सिक्योरिटी विभाग के स्टाफ से सीधी बातचीत कर रहा है। छुट्टी के लिए जो आईडी का पुराना अधिकारी को करना है वह कोई और कर रहा है और छुट्टी देने और न देने के एवज में स्टाफ से अधिकारी के घर कोई और बात कर रहा है। ऐसा ही नहीं, चालान विभाग के गोपनीय टेंडर के लिए भी साहब की आईडी पासवर्ड का इस्तेमाल स्टाफ और एक अधिकारी के जानकारी करने की जानकारी से किया जाता है। हालांकि इसकी पुष्टि सतर्कता के जांच के बाद ही होगी.
अब लल्लूराम से संपर्क कैसे करें रेलवे के सूत्र?
लल्लूराम डॉट कॉम अपने सभी रेलवे के सूत्रों से निवेदन करता है कि वे लल्लूराम से वाट्सएप कॉल, टेक्स्ट मैसेज और ई-मेल के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं। ईमेल पर संपर्क करने के लिए [email protected] पर संदेश भेजा गया. आप फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे विभिन्न सोशल मीडिया के माध्यम से लल्लूराम से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप अपने परिवार के किसी सदस्य या किसी दोस्त का फोन लेकर भी लल्लूराम से संपर्क कर अपनी बात पहुंचा सकते हैं।