रायपुर। स्टेट सोसायटी ने तीन दिनों तक रायपुर, दुर्ग, रायगढ़, जांजगीर और मनेन्द्रगढ़ में 11 स्थानों पर छापे मारे। इस दौरान आपदा से लगभग 7 करोड़ 60 लाख रुपये का टैक्स मद ही सरेंडर पानी में चला गया। इसे भी पढ़ें : कांग्रेस सरकार को बड़ा झटका, मंदिर की आय पर कर लगाने वाला हुआ खारिज…
प्रदेश भर में ई-वे बिल की जांच के लिए रिकार्ड्स की जांच की गई है। अभी फरवरी माह में ही अभी तक इन रैयतों में से 33, बिलासपुर गढ़वाल में 34 और दुर्ग गढ़वाल में 9 रैसलरों को ई वे बिल में जाने से जब्त कर लिया गया है। इनमे से 28 बिल्डरों पर करीब 57 लाख रुपये की पेनाल्टी वसूली जा रही है। शेष राशि पर कार्यवाही अभी जारी है। बोगस फ़ायरमे बाए उनके नाम से माल परिवाहित करने वालों पर विभाग की विशेष नज़र है।
जिन 11 व्यवसायियों के शेयर स्टेट स्टैटिस्टिक्स में हैं, उनमें आरए एमएस (RAIS) पावर रायपुर, एएस माइनिंग मनेंद्रगढ़, स्काई अलॉय एंड पावर लिमिटेड रायगढ़, केंडिड आइडिया रायपुर, पुरीनिया स्टील दुर्ग, पुरनिया इंडस्ट्रीज दुर्ग, रेफेक्स स्टूडियोज जांजगीर, अग्रवाल स्टील एंड पाइप रामपुर, श्याम स्टील फैक्ट्रीज रायपुर, ईश्वर इलेक्ट्रॉनिक्स शोरूम एवं ईश्वर टी.एस. रायपुर।
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आरए एमएस (RAIS) के उत्पादों में बिटुमिन सप्लॉय बनाने के साथ-साथ बिजनेस भी शामिल है। इनमें से एक आईटीसी का बोगस क्लेम द्वारा अपना रिटर्न दिया गया था। इन्होनें लगभग तेज़ करोड़ रु. कम टैक्स जमा करना स्वीकार करते हुए 1 करोड़ रु ही सरेंडर किया गया.
रायपुर के ही कैंडिड टेक्नालॉजी सर्विसेज ने भी अपने रिटर्न में टैक्स जमा नहीं किया था, विभाग के अधिकारियों ने मारे जाने पर लगभग 3.5 करोड़ रु का टैक्स जमा नहीं किया था, जिसे स्वीकार करते हुए रु. 1 करोड़ की मशीन ही जमा हो गई.
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एएस माइनिंग द्वारा परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर फर्म बनाई गई सरक यूनिवर्सल ट्रेडिंग करते हुए ऑनलाइन टैक्स की कच्ची कमाई जा रही थी। इनमें से मनेन्द्रगढ़ और रायपुर में स्थित हैं, यहां पर विदेश में अधिकारियों द्वारा मारे जाने पर, मक्के पर ही रु. 30 लाख जमा हुआ.
अग्रवाल स्टील एंड पाइप रैम्प पर भी अधिकारी छाप मार कर रु। 30 लाख जमा हुआ। स्काई एलोय एंड पावर ली. रायगढ़ में जांच के दौरान स्टॉक इंटर, टर्नओवर डायनासोर और गलत आई टीसी पाई गई। लागत मूल्य 60 लाख रु. टैक्स तत्काल जमा किया गया। अधिकारियों ने बताया कि अभी और टैक्स की राशि और सांख्यिकी की जांच की जा रही है।दुर्ग के पाइपलाइन इंडस्ट्रीज और पाइपलाइन स्टील्स पर यहां भी टर्नओवर कम दिखा कर कम टैक्स जमा होने की बात सामने आई है।
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श्याम स्टील इंडस्ट्रीज़, ईश्वर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं ईश्वर टी द्वारा कच्चे माल की दुकान कर सरिया बनाई जा रही थी, और मोर्टार की चोरी की जा रही थी। श्याम स्टील इंडस्ट्रीज़ द्वारा 5 करोड़ रु. का थिएटर कम जमा स्वीकार किया गया 3 करोड़ रु. टैक्स मशीन पर ही जमा हो गया. इसी तरह ईश्वर और ईश्वर टी भी क्रमशः 46 लाख रु. और 1.25 करोड़ रु का टैक्स जब्त हो गया।
जांजगीर के अधिकारियों की टीम ने रेफेक्स इंडस्ट्रीज के कार्यालय में भी जांच की। यह फर्म पावर प्लांट से कोल ऐश की डिलिंग के साथ-साथ कंपनी की ट्रेडिंग से भी जुड़ी हुई है। कंपनी का मुख्यालय चेन्नई में है, यहां केवल कर्मचारी काम देखते हैं। इसमें भी बड़ी कर चोरी की संभावना है।
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इन सभी फर्मों पर अभी भी जारी है, आगे और भी टैक्स जमा होगा। विभाग द्वारा एडवांस्ड आई टी टूल्स का उपयोग कर चोरी वीडियोग्राफी के लिए प्रयोग किया जा रहा है। विभाग द्वारा न केवल आईटी टूल्स का प्रयोग कर चोरी के सामान में रखा जा रहा है, बल्कि ई वे बिल की जांच से प्राप्त रिवाल्वर, फील्ड से एक साथ की जा रही है और आभूषण के आधार पर भी क्रैक किया जा रहा है।