पिथौरा. स्थानीय वन काष्ठागार में एक डिप्टी रेंजर ने अपने ही रेंजर पर आवासीय करने का आरोप लगाया है। डिप्टी रेंजर ने इस मामले की शिकायत थाने में रखी है। वहीं काष्ठागार के प्रभारी रेंजर ने दोनों में बहस की बात को आपसी सहमति से पेश किया, लेकिन त्रिपुरा की घटना से इनकार कर दिया गया।
यह घटना शुक्रवार सुबह की है. वन काष्ठागार के डिप्टी रेंजर मेहतर सिंह ध्रुव ने अपने ही रेंजर अमरदीप साहू द्वारा अपने बिजनेस करने की याचिका पिथौरा थाने में रखी है और कार्रवाई की मांग की है। अपने आवेदन में डिप्टी रेंजर ने बताया कि किश्तगार अधिकारी अमरदीप साहू ने मेरे सामने गिल ग्लौचा किया। जिस मेर ने उत्तर मांगा था वह उत्तर दे ही रहा था कि रेंजर ने जातिसूचक गॉलियन्स देते हुए मेर प्रोफेसर की। रेंजर ने इतना बड़ा खाना खरीदा कि मेरे चेहरे से डिस्प्ले लगा और मेरा चश्मा टूट गया। इसके बाद मेरे बेटे नेपोलियन ध्रुव मुझे थान लेकर आये।
बेकार नहीं बल्कि चुनी हुई : रेंजर
इस मामले में वन काष्ठागार के रेंजर अमरदीप साहू ने बताया कि कार्यालय में अन्य गार्डन भी थे। किसी के साथ भी कोई दुकान नहीं हुई है. आज वन मंडल कार्यालय में आवश्यक बांस की जानकारी के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सेक्टर 8 के प्रभारी वनपाल मेहतर सिंह ध्रुव को जानकारी दी गई, लेकिन उन्होंने जानकारी की जानकारी स्पष्ट रूप से दी। अधिकारियों के निर्देश के परिपालन में मैंने डिप्टी रेंजर ध्रुव को बताया। इससे गुस्साए मेहरा ध्रुव ने ऑफिस में ही विवाद कर लिया। मैंने उसे डॉक्यूमेंट्री का प्रयास किया। उसके साथ किसी तरह की दुकान नहीं हुई.
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