मनेंद्र पटेल, दुर्ग। छत्तीसगढ़ के गठन के दौरान देखा गया सपना एक-एक कर हकीकत में घटित हो रहा है। इसका अहम एपिसोड 20 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भिलाई के एको फ्रेंडली कैंपस का रहस्योद्घाटन करेंगे। अहम ये है कि साल 2018 में मोदी ने ही इस कैंपस का भूमिपूजन किया था. कैम्पस में पाँच वर्ष की अवधि तक का समय लग गया। इसे भी पढ़ें : पलटी बाजी…खैरागढ़ नपा परिषद अध्यक्ष को बर्खास्त कर दिया, कांग्रेस नेताओं के साथ मोर्चाबंदी के खिलाफ दर्ज करायी शिकायत…
भिलाई के नए पेट्रोलियम का स्तुतिगान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल करेंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इसके लिए पत्र जारी किया है। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उच्च शिक्षा मंत्री बृज मोहन अग्रवाल सहित क्षेत्रीय नेता भी शामिल थे।
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इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, भिलाई के प्रतिष्ठित भवन का निर्माण कार्य 5 साल पहले शुरू हुआ था। इसका पहला चरण का काम दिसंबर 2022 तक पूरा हो गया था। लेकिन निर्माण एजेंसी की देरी से निर्माण कार्य अब पूरा हो रहा है। साल 2023 अक्टूबर माह से छात्र यहां पढ़ाई कर रहे हैं, इससे पहले रायपुर के सेजबहार में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्रों का ऑपरेशन चल रहा था।
543 नोकिया में बने रहे इस अलॉट कैंपस में पहले चरण में 18 लेकरूम हॉल, क्लासरूम, इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट और साइंस डिपार्टमेंट के दो-दो भवन, मेस ब्लॉक, टुकड़े टुकड़े, लाइब्रेरी, रिसर्च स्कॉलर के लिए सी फाइन बिल्डिंग के साथ लेक्चर रूम, सेंट्रल फ़्रांसीसी फैसिलिटी , सेंट्रल आर्ट्स फैसिलिटी, मैकेनिकल गैलरी, फैकल्टी एवं स्टाफ के लिए आवास, लाइब्रेरी एवं डेटा सेंटर, शॉपिंग सेंटर, स्वास्थ्य केंद्र, इंस्टिट्यूट क्लब एवं गेस्ट रूम का निर्माण किया गया है।
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मान्यता प्राप्त कैम्पस में हाईटेक लेबोरेटरी से लेकर नई मशीने कर पूरा विश्वविद्यालय शामिल किया जाएगा, जहां देश के अन्य मान्यता प्राप्त कैम्पस में भिलाई में पढ़ने वाले छात्र भी नवीनतम जानकारी लेकर संस्थान से बाहर जाएंगे। पहले चरण के निर्माण के लिए सरकार ने लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड कंपनी (एलिडेंटी) को 879 करोड़ रुपये दिए थे।
इस पिल्ला के निर्माण में प्रकृति के संरक्षण का ध्यान रखा गया है। पिलेट में पहले से मौजूद पेड़-पौधों और तालाबों को नुकसान से बचाया नहीं जा सका है, उन्हें प्राकृतिक रूप से ही संवारा जा रहा है, जिससे पूरी तरह से संरक्षित कैंपस का माहौल इको फ्रेंडली बनाया जा रहा है।
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विस में पारित हुआ था आशासकीय संकल्प
पूर्वी दुर्ग जिले से पहले अभनपुर के करीब भरेगाभांठा गांव में पवित्र कैम्पस का निर्माण होना था। लेकिन भिलाई के आने में उस अशासकीय संकल्प की बड़ी भूमिका रही, जिसमें प्रेमप्रकाश पांडे ने उपराष्ट्रपति रहते विधानसभा क्षेत्र में जाना था। पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह की सरकार में इसे दुर्ग के सीयाखुर्द और कुटेलाभांठा गांव के पास के भवन में बनाने का प्रस्ताव रखा गया था। जिसके बाद केंद्रीय उच्च शिक्षा मंत्रालय की टीम ने अंतिम मुहर लगाने के लिए यहां का सर्वेक्षण कर निर्माण का प्रस्ताव रखा।