सीजी में अवैध रेत परिवहन पर रजिस्ट्रार ने की कार्रवाई, राजस्व मंत्री के गृह जिले में ही प्रशासन को लगाया जा रहा है, आखिर किसकी शाह पर चल रहा है ये खेल?

अरविंद मिश्रा, बलौदाबाजार। राजस्व मंत्री के गृह जिलों में रेत के अवैध और परिवहन के विलय के बाद गुरुवार को प्रशासन जागा। कलेक्टर चंदन कुमार के निर्देश पर बलौदा मार्केट के सभी विकासखंड के अनुविभागीय अधिकारी की विशेष टीम ने एक साथ मिलकर काम किया। रात में हुई इस कार्रवाई में बड़ी मात्रा में बंदूकें, रायल्टी दस्तावेज और ओवर लोड ट्रकों को जब्त कर लिया गया है।

रात में संचालित खदानों से सात माउंटेन मशीन और रेल परिवहन में लगभग 50 से अधिक हाइवा शामिल हैं, जिन पर कार्रवाई की गई है। दस्तावेज़ दस्तावेज़ अभी उपलब्ध नहीं हैं। देखें ये आदादा बढ़ भी सकता है. वहीं कार्रवाई की जानकारी ना तो खनिज अधिकारियों को दी गई और ना ही पुलिस विभाग को। कार्रवाई शुरू होने के बाद लगभग 10 बजे पुलिस को जानकारी दी गई। अवैध परिहवन से प्रशासन को राजस्व की हानि होती है।

अधिकारी-कर्मचारियों का भी पहुंच रहा हिस्सा

जानकारी के अनुसार, एक शीट से तीन बार उस गाड़ी को महानदी से रेल परिवहन के लिए दिया जाता है। वहीं, एक हाईवा की कीमत 2500 रुपये है। लेकिन वाहन मालिक से 8500 रुपए अतिरिक्त डिस्काउंट का डिस्काउंट लिया जा रहा है। आम नागरिक को रेत की बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। सूत्र ये भी बताते हैं कि इस खेल में खनिज अधिकारियों का भी हाथ होता है। जिसमें एक बड़ी नेट हर महीने दी जाती है. इसमें कोई भी कर्मचारी शामिल नहीं है। ताकि शासन की कार्रवाई से पहले ही निदेशालय की कार्रवाई शुरू हो सके। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण पिछले वर्ष पलारी विकासखंड के मोहन नदी नाले में देखने को मिला था। जहां कार्रवाई की सूचना ही वाहन महानदी से गायब हो गए थे. अब देखिये ये होगा इस बड़े एक्शन के बाद राज्य शासन को राजस्व के घाटे में डूबे खदानों वाले माफियाओं पर क्या एक्शन होता है.

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