वीडियो: शासकीय नियमों को ठेंगा सर्वोच्च राशन दुकान संचालक ने बनाया खुद अपना नियम, हितग्राही हो रहे

रवि गोयल, शक्ति। छत्तीसगढ़ में वन राशन कार्ड योजना को लागू हुए करीब 2 साल हो चुका है, जिसके तहत राशन कार्डधारक प्रदेश की किसी भी उचित मूल्य की दुकान से खाद्यान्न खरीद सकते हैं। नियमतः ई पास मशीन के माध्यम से राशनकार्डधारकों को खाद्यान्न का वितरण किया जाएगा। लेकिन सक्ति जिले में कुछ ऐसे पीडीएस दुकान संचालक हैं जो सरकार के नियमों को नहीं मानते। ऐसा ही मामला शक्ति के वार्ड क्र 3 और 4 का राशन वितरण करने वाली महामाया महिला स्व सहित समूह का सामने आया है, जिसने कार्डधारियों को अपने वार्ड के राशन दुकान से राशन लेने की बात बोलकर उन्हें वापस लौटा दिया।

महीनों के अंत में भी कई राशन कार्डधारी जून में राशन मिलने से वंचित रह गए। हितग्राहियों का कहना है कि किमिस्टिक मशीन में खराब होने के कारण उन्हें राशन नहीं दिया गया, जबकि उन्होंने अपने वार्ड के कई कार्डधारियों को राशन वितरित किया है।

महीने में 15 दिन ही दुकान खोलने का नियम

शक्ति की महामाया महिला स्व सहायता समूह पीडीएस दुकान संचालक की हालत खराब है कि वह शासन के निर्देश को भी नहीं मानता है। शासन के महीने भर भर दुकान खोलने वाले नियम के विपरीत, ये अपनी दुकान में 2 से 15 तक ही दुकान खुलीगी की जानकारी लोगों को दे रहे हैं, जिसे देखकर ऐसा लगता है कि खाद्य विभाग के अधिकारी दुकानों का निरीक्षण ही नहीं करते हैं। अगर करते हैं तो क्या ये उनके कहने पर ये सारे नियम बनाए हुए हैं।

वेयरहाउस में राशन है, फिर भी स्टॉक नहीं है और वापस भेज दिया गया

महामाया महिला स्व सहायता समूह के संचालक दीपक अग्रवाल से जब लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने कार्ड वापस भेजने का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि स्टॉक नहीं है। जबकि एक दिन पहले ही राशन लेकर उनके गोदाम में रखा हुआ है। वहीं उसी दिन उन्होंने कुछ लोगों को राशन का वितरण भी किया है।