नई दिल्ली लोकसभा चुनाव की तारीख का जल्द ही ऐलान होने वाला है, लेकिन ठीक है उससे पहले एक बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल, इलकेश्न के कमिश्नर अरुण गोयल ने पद छोड़ दिया है। अरुण जेटली का मोर्चा राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया है. बता दें कि स्थायी मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार फरवरी 2025 में पदमुक्त होने वाले हैं। पद छोड़ने से पहले अरुण गोयल मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) बने की रेस में सबसे आगे थे।
जानकारी के मुताबिक, फरवरी में चुनाव आयुक्त सांप चंद्र पांडे के संन्यास और गोले के खुलासे के बाद अब तीन मतदाता निर्वाचन आयोग समिति में एकमात्र मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार रह गए हैं। बता दें कि रिटेल रिटेल गोयल पंजाब कैडर के 1985-बैच के रिटेल अधिकारी थे। वह नवंबर 2022 में निर्वाचन आयोग में शामिल हुए थे.
पर हुआ था विवाद
ऐसा कहा जा रहा है कि इससे पहले जब चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की पोस्ट जारी हुई थी तब काफी विवाद हुआ था। असल, 1985 बैच के पैसेंजर्स ऑटोमोबाइल्स गोयल ने 18 नवंबर 2022 को अपना पद ग्रहण ले लिया था। पद छोड़ने के एक दिन बाद ही उन्हें चुनाव आयुक्त बना दिया गया। उनसे अचानक चुनाव आयुक्त बनाने पर कई सवाल किये गये थे. सरकार के इस फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती भी दी गई थी। तब सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से सवाल किया था कि आखिर इस फैसले को लेकर क्या था।
साल 2027 में लव होने वाले थे गोयल
सुप्रीम कोर्ट की दो जजों वाली याचिका पर अरुण गोयल की अपील को खारिज कर दिया गया था। फाइल को खारिज करते हुए वक्ता अदालत ने कहा था कि अरुण गोयल की संविधान पीठ में जांच की गई थी, जिसमें कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई थी। तब कोर्ट ने गोयल के फैसले को रद्द करने से इंकार कर दिया था। चुनाव आयुक्त की अधिसूचना 2027 तक थी और अगले वर्ष राजीव कुमार की नियुक्ति के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में उनकी जगह प्रमुख पद ग्रहण किये गये।
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