रायपुर में सत्यनारायण और हत्या का मामला: चौथे को समलैंगिक की सजा, उच्च न्यायालय ने खारिज की अपील

बाकी गहवाई, बिलासपुर। 2 करोड़ रुपये की फिरौती के लिए घोटाले और हत्या के मामले में चार चार लोगों को जेल की सजा सुनाई गई, जिसे अदालत ने सही दोषी ठहराया है। फ़ार्च की अपील को खारिज करते हुए डिवीजन बेंच ने परिस्थितिजन्य संतुलन की मजबूत श्रृंखला को दोषसिद्धि के लिए पर्याप्त पाया है।

दरअसल, 16 अप्रैल 2018 को रायपुर में प्रकाश शर्मा की हत्या कर दी गई थी। पुलिस जांच में सामने आया कि मृतक के चचेरे भाई अमृत शर्मा ने तीन अन्य लोगों भोजराज नंद, अनिल कुमार बेहरा और चित्रसेन बेहरा के साथ मिलकर प्रकाश का अपहरण करने की साजिश रची। इस प्रक्रिया में गलती से उसकी हत्या कर दी गई। उनके इंटरनैशनल लाइटिंग के पिता सत्यनारायण शर्मा से 2 करोड़ रुपये की बकाया वसूली की गई थी, लेकिन उनकी योजना तब विफल हो गई जब उन्होंने लाइटहाउस को क्लोरो फॉर्म दिया तो दम घुटने से उनकी मृत्यु हो गई।

सभी चतुर्थों को छठे अतिरिक्त सत्र में, रायपूल ने अंतिम संस्कार के सत्र में जजों की सजा सुनाई। चार ने निचली अदालत में निंदा की सजा सुनाई को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में अपील पेश की गई। मुख्य न्यायाधीश राकेश सिन्हा, न्यायमूर्ति बिभु डॉक्टर्स गुरु की खण्डपीठ ने सभी की अपीलों को खारिज कर दिया और ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा।

छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें दिल्ली की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें अंग्रेजी की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें