रात में महानदी का सीना चुरा रहा माफिया: धड़ल्ले से हो रहा रेत का अवैध उद्यम और परिवहन, कुंभकर्णी निद्रा में सोए हैं मेहमान

अरविंद मिश्रा, बलौदाबाजार। जिले में अवैध बैटल बैलगाड़ी से चल रहा है। हद तब हो गई जब पूरे जिला प्रशासन के साथ राज्य स्तर के अवर अभियंता और मजिस्ट्रेट की जानकारी के बावजूद खनिज माफियाओं ने ठेंगा दिखाया ये बता रहे हैं कि हमारा कुछ नहीं हो सकता।

बलौदा बाजार जिले में पर्यावरण विभाग के सभी नियम कानून को ताक में रात में महानदी का सीना चीरा जा रहा है और रोजाना लगभग 700 बड़ी हाइवे से जिले के रेतीले खदानों से रेत का अवैध परिवहन किया जा रहा है। जिले के आला अधिकारी कभी-कभी छोटी मोटी कार्रवाई कर अपनी कर्तव्यनिष्ठा की इतिश्री कर रहे हैं, रात में हो रहे अवैध निर्माण को रोक में प्रदर्शित कर रहे हैं।

सूत्र हैं कि इन व्यवसाईयों में जो बलौदा बाजार में भाजपा के सदस्य हैं और कांग्रेस के संस्थापक हैं, उनमें भी यूक्रेनी मठ और अधिकारी एवं नेताओं के बीच अच्छा सांठगांठ है। एक बड़ा उदाहरण ये प्रतिमान अधिकारियों तक पहुंचाते हैं, जिनकी वजह से इन रेहा घाट में आज तक बड़ी कार्रवाई नहीं हुई। कभी-कभी सरकारी तंत्र दिखावे के नाम पर चर्चा की जाती है। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि ये रियाल्टी चोरी में भी माह होते हैं और एक पर्ची में कई बार ये पत्थरों को पार करके बनाए जाते हैं। मोटे नोट के लॉज में एक्शन के पहले अधिकारी खबर देते हैं।

मोहन घाट से बन रही अवैध कलाकृति

पिछली बार लालूराम अयत काम की टीम ने मोहन रेती घाट की प्रमुखता की खबर दी थी और मोहन गांव के कटाव की प्रमुख वजह रेती का बेटाहाशा जाना बताया था। इसके बाद यह रेत घाट बंद हो गया, पता चला कि किसी सरकारी मिशन के अवैध रूप से वर्तमान में यहां से रेत का कमरा बेखौफ जारी है। अधिकारियों को भी पता है कि इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। वहीं सूत्र में यह भी बताया जा रहा है कि मोहन घाट में भाजपा के नाम से मशहूर रेत का अवैध चित्र भी बनाया जा रहा है। ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि हर भाषण में प्रमुखता से उठाने वाले हमारे राज्य स्तर के मंत्री जी कहां हैं, जो हमेशा कहते हैं न खाएंगे और न खाएंगे। ऐसे में बलौदा बाजार समेत पूरे प्रदेश के अन्य बाजारों में भी लगातार खबरें चल रही हैं, फिर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है, यह एक बड़ा सवाल है।

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