सत्यपाल राजपूत, रायपुर। डुमट्राई में राजधानी के रेलवे अस्पताल एडवांसमेंट सामने है। पेट दर्द में मरीज़ अस्पताल का उद्घाटन किया गया, जहाँ मरीज़ के बीच मरीज़ की हालत का ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के बाद मरीज की जिंदगी और मौत के बीच का सफर चल रहा है। बड़ा सवाल यह है कि अस्पताल में न ही ऑपरेशन की टीम थी, न ही सहायक टीम थी, फिर यह ऑपरेशन कैसे हुआ। अरेस्ट के बीच ऑपरेशन की व्यवस्था से डरे मरीज के पति ने अपनी पत्नी को अकाउंट से जोड़ा है। वहीं इस मामले में रायपुर के मुख्य जिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर मिथलेश चौधरी ने कहा, मामले की जांच की जायेगी. उन्होंने टीम में शामिल टीम लीडर की बात कही।
रोगी मंदिर हसौद निवासी केसर बाई के पति प्रेमी धीवर ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में कहा, दिहाड़ी बनाकर पेट चिल्ला रहा हूं। मेरी पत्नी की जान बचा लो. पत्नी का गलत इलाज किया गया है। डॉक्टर अब कह रहे हैं और इलाज कराओ, परेशानी बढ़ गई है। कोरे कागज़ में मेरे घर वाले का हस्ताक्षर लिया गया है। मैं हस्ताक्षर करने से मना कर दिया हूं। वहीं इस मामले में डुमरेट्राई के लीडर एडवांस्ड हॉस्पिटल डॉक्टर कल्पना ने कहा, ऑपरेशन के लिए दूसरे हॉस्पिटल की टीम को नियुक्त किया गया था। एनेस्थीसिया के डॉक्टर उत्तम डीकेएस हॉस्पिटल से आए थे।
डॉ. कल्पना ने बताया, पहले दिन जब मरीज़ आया था तो उसके पेट में दर्द था। इंजेक्शन दिए गए तो ठीक हुआ. उसके एक घंटे बाद मरीज चला गया। फिर पेट दर्द दूसरे दिन क्षेत्र में तो हमारे पास सोनोग्राफी डेमोग्राफिक लेवी है। सोनोग्राफी से पता चला अट्टी फैट गया। आक्सेटिक स्थिति को देखते हुए रक्त जांच की गई तो तीन ग्राम थे। अपनी से व्यवस्था करके तीन और ग्राम खून चढ़ाया फिर से संचालन किया गया। याद नहीं है कि ऑपरेशन कब हुआ था, यह देखना सभी दस्तावेज़ों में है। उन्होंने बताया, मरीज़ के डॉक्टर की सहमति के बिना इतना बड़ा ऑपरेशन कैसे किया जा सकता है। ऑपरेशन को मैं नहीं की हूँ. मैं गाइनों हूं ऑपरेशन तो क्रिएटर्स ने ही किया है। डॉक्टर माइकल कुजूर ने किया ऑपरेशन. रावत वोपुरा हॉस्पिटल के हैं। यहां इनसान को देखने आते हैं.
डॉ. कल्पना ने बताया, मेरे ऑपरेशन टीम में वफादार लोग हैं. बेकअप टीम है. मरीज की स्थिति के अनुसार बाहर से डॉक्टर को बुलाया जाता है। डॉक्टर कल्पना ने बताया, मरीज की स्थिति अच्छी नहीं है. मरियम को खून की कमी है. एल्बोमिन कम होने की वजह से पानी पेट में जाम हो रहा है। आगे के लिए एमेरिक्स कैसल को दूसरे अस्पताल ले जाने का सुझाव दिया है। संक्रमण उत्पन्न हुआ है. पीलिया की दिक्कत दिख रही है. अब अस्थायी खाना दिया जाएगा. मरीज़ अभी भी 80 से 90% जोखिम में है। मैं कुछ नहीं बता सकता.
हॉस्पिटल के डॉक्टर डॉक्टर इमेजरी ने बताया कि 2021 से हॉस्पिटल चल रहा है। अस्पताल की मान्यता है. अधिक जानें तो सीएमएचओ कार्यालय से जानकारी निकलवा लो। सब परमिशन कार्यालय से दिया जाता है। मेरे पास व्यवस्था नहीं है तो क्यों परमिशन देते हैं। सीएम औद्योगिक कार्यालय से क्लाइंट लो। मैं आप लोगों पर कितना भरोसा करता हूं अपने स्टाफ के बारे में क्यों बताता हूं.
योग्यता को लेकर कर्मचारियों की होनी चाहिए जांच
हॉस्पिटल में एनालिसिस के दौरान किरण बरिहा जो आपके वहां के स्टाफ स्टाफ आपको एक वीडियोग्राफी कर रही थी। फिर पूछा गया कि कहां से पढ़ा जाता है, कहां लिखा जाता है तो कई तरह के जवाब मिले। राजपूत से पढ़ाई की हूँ फिर कॉलेज सुपरमार्केट कहा दूसरे आदर्श से पढ़ाई की हूँ, फिर भी किसी सवाल का जवाब नहीं दे पाया।
सोनोग्राफी रूम में हो रही डेकोपेर का संचालन किया गया
फ़्रैंचाइज़ एडवांस्ड हॉस्पिटल डूमरतराई के लीडर डॉक्टर इमेजरी का कहना है कि 25 बैड का हॉस्पिटल है। लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने मौके का जायज़ा लिया तो पता चला कि वहां ऑपरेशन करने लायक टीम नहीं थी। न कोई कलाकार है न कोई उपयुक्त वार्ड है। सोनोग्राफी कक्ष में ओपीडी संचालित की जा रही है। एक हॉल में पांच बिस्तर लगाए गए हैं। बाकी दो कमरे का ताला था, जो नर्सिंग होम अधिनियम के पैमाने में बिल्कुल नहीं है। ऑपरेशन के बाद जिस हॉल में मरीज़ों को रखा गया है, उनकी फॉल्स सीलिंग कई जगहों से पानी टपक रही है। कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. कंडीशन देखकर ही समझा जा सकता है कि अस्पताल किस स्तर पर है। हॉस्पिटल ने दावा किया था कि उनके करीब 10-12 वकीलों की टीम है, लेकिन मौक़े का जायज़ा लिया गया तो बस दो ही शिक्षकों की जानकारी मिल पाई, दस्तावेज़ नाम दीवाल में चस्पा किया गया है।
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