रायपुर. आचार्य महाश्रमण के सुशिष्य मुनिश्री सुधाकर के सान्निध्य में आज गतिमान अधर्म व्रत उद्बोधन सप्ताह के तहत अत्यावश्यक समिति और पुलिस प्रशासन रायपुर ने “तनाव प्रबंधन आश्रम” का आयोजन किया। पुलिस परेड ग्राउंड में आयोजित इस कार्यक्रम में पुलिस अधिकारी एवं पुलिस विभाग के विशेष रूप से संतोष सिंह उपस्थित थे।
मुनि सुधाकर ने कहा, मानसिक तनाव की समस्या युग की प्रमुख और जटिल समस्या है, इससे बचने के लिए हमें आश्रम का सहारा लेना चाहिए। आध्यात्म से तनाव प्रबंधन संभव है। मुनि सुधाकर ने तनाव प्रबंधन के पांच आंकड़ों की चर्चा करते हुए कहा कि अपने में खुश रहो, लेखों से अपनी तुलना मत करो, आगे की फिक्र और पीछे का जिक्र मत करो। स्वयं पर नियंत्रण, परिस्थिति से अधिक मन स्थिति पर ध्यान दो, संयम संयम रहता है। मनस्थिति न परिवर्तन, हर परिस्थिति में अस्थिरता रहना। सोच को सकारात्मक पोस्ट एवं विकल्प का अवलोकन करें। अपनी सीमा को संशोधित करें फल के आग्रह का ध्यान न रखें।
छात्र संतोष सिंह ने भी अपनी मांगें व्यक्त करते हुए कलाकारों को काम करने की सलाह दी, ताकि तनाव हमारे से दूर रह सके, जिससे समय का सही काम हो सके। तनाव को दूर करने के लिए हमें अपने कार्य क्षेत्र से हटकर भी कार्य करना चाहिए, जिससे हमारा ध्यान तनाव से दूर उस क्षेत्र में लगे जैसे कि बागवानी, पुस्तक अध्ययन, खेल आदि। उन्होंने बताया कि दुनिया में हम यानि वैज्ञानिक ही नहीं मेडिकल रिपोर्ट में लगभग पैसठ प्रतिशत लोग तनाव से ग्रस्त हैं। नरेंद्र दुगड़, स्वागत अध्यक्ष कनक चंद जैन और मंगलाचरण इंदु लोढ़ा, ललिता धाड़ीवाल के साथ छात्रावास के सफल संयोजन अरुण अग्रवाल ने किया।
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