पीड़ित प्रभावित सुकमा की बेटी माया कश्यप बनीं डॉक्टर, अब आपके जिलेवासियों की रिजर्व सेवा

आशुतोष तिवारी, सुकमा। सुकामा में यह नाम दर्ज है जहां पर बौद्ध धर्म की तस्वीरें दिखाई गई हैं। कई खूनी संहार सुकमा ने देखा है। लेकिन इस बार सुकमा में रहने वालों को ही अपनी प्रतिभाओं के बारे में पता नहीं चला। सहदेव हो या दोरनापाल की बेटी डॉक्टर माया।

असल में, जंगली जानवरों के प्रमुख आहार में इलाज के अभाव से कई अवशेषों की मौत हो जाती है। बाहरी डॉक्टर अपनी सेवा में पीछे नहीं जाना चाहते क्योंकि इससे भी बच्चे को डर लगता है। लेकिन प्रभावित जिलों की माया कश्यप अब अपने डॉक्टर की पढ़ाई पूरी कर अपनी सेवा सुकामा जिले के अस्पताल में दे रही हैं, जहां ड्रीम अपने को पूरा करती हैं, माया कश्यप डॉक्टर अपने ही जिलेवासियों की सेवा में हैं। राज्य शासन ने सुकामा जिले को दस डॉक्टरों की नियुक्ति दी है। जिसमें डॉक्टर माया कश्यप का भी नाम शामिल है। माया ने अपने नाम को देखकर खुशी जाहिर करते हुए अपने सपने के बारे में बताया।

डॉक्टर माया कश्यप ने बताया कि बचपन में ही कई कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए आपने अपना सपना पूरा किया था। बचपन में जब माया छठवीं कक्षा में थी तो उसके पिता का साया उठ गया था। जिसके बाद आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई थी। फिर भी माया ने अपने सपने को पूरा करने के लिए राजकुमार को डेट किया। अब वो जिलों में ही अपने जिलेवासियों को डॉ. के रूप में सेवा प्रबंधक.

माया ने अपनी पढ़ाई राज्य के अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज में पूरी की। जो कि सुकामा से आने में भी परेशानी हुई थी और कहा था कि सुकामा जिले में प्रभावित लोगों के कारण बाहर कोई भी यहां आना नहीं चाहता है इसलिए मैं हूं और यहां पर ही ग्लासगो की सेवा कर सकता हूं। इस बात को सुकमा जिले के खुशी की लहर के निवासियों से भी देखा जा रहा है।

दोरनापाल की बेटी डॉक्टर माया कश्यप अब अपने ही जिले के अस्पताल में अपनी सेवा देने जा रही हैं। भाजपा की छत्तीसगढ़ सरकार ने जिलों को दस्यु डॉक्टरों की सूची जारी की है। जिसमें दोरनापाल की बेटी को जिला अस्पताल में नियुक्त किया गया है। जिसे बधाई देते हुए दोरनापाल भाजपा मंडल एवं सभी भाजपाइयों ने पुष्प गुच्छ एवं मिठाई खिलाकर को भविष्य की शुभकामनाएं दीं।