तय समयसीमा में मकान नहीं बनाना पड़ा बिल्डर को भारी, रेरा ने किया बड़ा फैसला…

रायपुर। खाली प्लॉट पर 7 साल बाद भी मकान बनाना बिल्डर को भारी नहीं पड़ेगा। छत्तीसगढ़ रेरा पर खरीदार की शिकायत पर बिल्डर के खिलाफ अहमद ने फैसला सुनाते हुए किश्तों में भुगतान किए गए 32 लाख के साथ 17 लाख ब्याज देने का आदेश दिया है। बिल्डर को छह महीने के भीतर मूलधन और ब्याज की रकम चुकानी होगी। इसे भी पढ़ें : CG BREAKING : डोंगरगढ़ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष के घर छापेमारी, सुबह 5 बजे से चल रही कार्रवाई

प्रकरण के अनुसार, बैकुंठपुर में रहने वाली बाली श्यामवती पटेल ने चंद्रा टाउन भाठागांव में 32 लाख रुपए में 1395 वर्गफीट का प्लॉट खरीदा था। प्लॉट कनेक्टिविटी टाइम बिल्डर ने 990 वर्गफीट का सिंगल मकान बनाने का अनुबंध भी किया था, जिसके लिए उन्होंने नगर निगम से नक्शा भी पास करवा लिया था।

लेकिन श्यामवती को बिल्डर ने तय सीमा के भीतर मकान का पेजेशन नहीं दिया। उन्होंने कहा कि बिल्डर कई बार मिलकर पेजेशन मंगा. हर बाद उन्हें बुलाया गया. अंत में बिल्डर ने यह तर्क दिया कि उसने प्लॉट बेचने के लिए समझौता किया था, उस पर मकान बनाने का समझौता नहीं हुआ था।

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अंततः पीड़िता ने रेरा की शरण ली। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद रेरा अध्यक्ष संजय शुक्ला ने फैसला दिया कि मकान निर्माण के लिए 32.43 लाख रुपये प्राप्त करने के बावजूद बिल्डर ने उन्हें मकान नहीं दिया, जो अनुबंध की शर्त का उल्लंघन हुआ है। इसलिए प्रोजेक्ट के संचालक श्यामवती को प्लॉट की मूल रकम 32.43 लाख रुपए के साथ ही जुलाई 2019 से जुलाई 2024 तक ब्याज 17.50 लाख रुपए कुल 50 लाख 2328 रुपए देने का आदेश दिया।

एसएमएस भेजने वाले प्लाटिंग करने वालों पर होगी सख्ती

नियमानुसार किसी भी तरह की प्लाटिंग के लिए सबसे पहले रेरा में पंजीयन करना जरूरी है। अभी आचार कोड खत्म होने के बाद लोगों को प्लॉट खरीदने के एसएमएस भेजे जा रहे हैं। जो नियमों के खिलाफ है. रेरा के पास भी ऐसे कई एसएमएस आए हैं। इस तरह के मोबाइल एमएमएस जिसमें संपर्क नंबर दिया गया है उन्हें कॉल करके उनके रिपोर्ट के लिए जा रहे हैं। रेरा फिसलन ने साफ कर दिया है कि जरूरत पड़ी तो ऐसे लोगों पर कार्रवाई भी की जाएगी।