जाको राखे सा पौधे मार सके ना… त्रेतायुग में राजा की धरती से मिली थी मां सीता, कलयुग में मिट्टी में दबी मिली ‘बस्तर की जानकी’

आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। “जाको राखे सा पर्यावरण मार सके ना कोई” यह कहावत एक बार फिर से वन्य जिले के तोकापाल ब्लॉक के बारूपाटा में चरितार्थ होती है। जहां एक निर्दयी मां ने अपने हाथ से एक घंटे के संदिग्ध बच्चे को मारने के उद्देश्य से चूहे के बिल में काम के ऊपर से मिट्टी पाट दी। लेकिन जब सुबह गांव के सरपंच पति विवेक से गुजर रहे थे तभी उन्हें बच्ची की रोने की आवाज आई। जिसके बाद उन्होंने नवजात शिशु के ऊपर से मिट्टी को हटाकर उसे चूहे के बिल से बाहर कर दिया। वहीं 108 एम्बुलेंस की मदद से स्वस्थ केंद्र भेजा गया।

जानकारी के मुताबिक, प्रेम प्रसंग में गर्भवती महिला ने अपने बच्चों को छुपाने के इरादे से इस घटना को अंजाम दिया है। निरीक्षण पुलिस गांव में पूछताछ कर रही है। नवजात शिशु को सुरक्षित निकालने के बाद मेडिकल स्टाफ ने उसका प्राथमिक उपचार किया जिसके बाद 108 नवजात शिशु को मेडिकल कॉलेज से रेफर किया गया। जहां बच्चे की स्थिति में सुधार बताया जा रहा है। पूरे मामले की कोडेन पुलिस जांच कर रही है।