छत्तीसगढ़ में इस जिले के दोनों पक्षों पर एक पार्टी का क्यों नहीं बना विधायक, हार के बाद बोला गया भाजपा सहयोगी ‘हारा नहीं, हरवाया’, जानिए नतीजों से जुड़े कई रोचक तथ्य

गरियाबंद. एकजुटता कांग्रेस के गठबंधन ध्रुव ने 816 मोटरसाइकिलों से भाजपा को हराया और 15 साल बाद आखिरकार भाजपा के अभेद्य गढ़ कहे जाने वाले बिंद्रानवागढ़ पर जीत दर्ज कर सफल हो गए। 2013 के चुनाव में भी दोस्ती गठबंधन के उम्मीदवार- सामने थे. तब गोवर्धन ने जनरल को 30 हजार से भी ज्यादा की बड़ी रकम से हराया था। पिछले 10 सालो में कई सारे रिजॉल्यूशन और फिर कांड के कॉकपिट में जेन इस बार 816 सोलो में जीत दर्ज कर सफल हो गए। जीत के बाद जन ने पार्टी के विचारधारा और जनता को श्रेय दिया था। इसी तरह परिणाम आने के बाद गोवर्धन झील ने कहा कि मैं हारा नहीं मुझे अपनो ने हरवाया, गढ़ में सेंधमारी के अंदर घाटियों के रहने लगी।

बढ़त का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है, बीजेपी अपने बेल्ट में माथा टेक रही है

पहले राउंड में 1063 राउंड में बढ़त बनाई गई थी, जो 14296 राउंड तक ही पहुंची थी, लेकिन 9वें से 13वें के बीच बीजेपी ने बढ़त बनाने में कामयाबी हासिल की। हमेशा की तरह बीजेपी को बढ़ावा मिलने की उम्मीद थी, इस बार यहां कांग्रेस, बीजेपी के बढ़त को रोकने में सफल रही। एक तरफा भाजपा को दिखाने वाला बोट कई साल बाद दो भागो में बटाता। अमलीपदर उरमाल से लगे 17 ऐसे बूथ थे जहां इस बार बीजेपी के जश्न कांग्रेस को लीड मिली. इसी तरह देवभोग में भी कांग्रेस को अब तक पढ़े स्टॉक की तुलना में 25 प्रतिशत मत हासिल हुआ। देवभोग क्षेत्र में कांग्रेस की बढ़त घट कर 1200 के नीचे आई, लेकिन अंतिम छोर तक बढ़त बनी हुई है। अंतिम 22 वें राउंड में बीजेपी को उम्मीद थी कि वह कवर कर लेगी लेकिन यहां भी नाकाम रही और कांग्रेस ने 816 गोल से जीत हासिल की।

जीत की दो बड़ी वजह

यहां ऋण माफ़ी ऋण जारी है

प्रदेश में कर्ज़ माफ़ी का जादू इस बार भी ठीक ही हुआ था, इस सीट पर जादू चला। कर्ज़ माफ़ी किसान और महिला समूह का वोट अपरिवर्तित कांग्रेस को दिया गया। इतना ही नहीं ऐसे रसूखदार हैं जो भले ही भाजपा के बैनर से जाने गए थे, उन्होंने भी वर्षों में अपनी कृषि भूमि पर 9 से 10 लाख तक का कर्ज उठाया था, इतना ही नहीं ऐसे रसूखदार हैं, जो मजबूत कांग्रेस के लिए वोट समर्थकों का काम करते हैं। से किया.

बेहतर बूथ प्रबंधन

कांग्रेस ने धमतरी जिले के चुनाव के लिए रायपुर के विनोद तिवारी को चुनाव पर्यवेक्षक बनाया। तिवारी की रणनीति के अनुसार बूथ स्थापित किये गये। हर बूथ पर पार्टी कसावट के साथ काम कर कांग्रेस के पक्ष में पहली बार भाजपा के गढ़ में बने मोरचा को वोट कर लिया।

गोवर्धन ने क्यों कहा हारा नहीं हारवाया

बिंद्रानवागढ़ में भाजपा के दिग्गज नेताओं के गृहग्राम के नतीजों ने सोनिया को चौंका दिया, इसके बाद मसूद ने मीडिया से कहा कि मैं हारा नहीं बल्कि हरा दिया हूं, कांग्रेस ने घाटियों के अंदर सेंध मारा। टिकट काटने वाले के बाद से नाराज पूर्व विधायक डमरू धर पुजारी के गृह ग्राम सहित उनके प्रभाव वाले सभी मतदान में कांग्रेस की एक तरफा बढ़त पहली बार दिखाई दी। व्युत्पत्ति चौकाने वाले नतीजों के आधार पर विस्कॉन्सिन ने इसमें घाट का आरोप भी लगाया है। कई भाजपा नेताओं के घर ग्रामों में भाजपा को पहली बार हार मिली है। विधायक और अल्पसंख्यक ने पार्टी या पार्टी से अलगाव के लिए कोई प्रचार यात्रा भी नहीं की। उत्तरदारो निष्क्रियता भी सवालों के घेरे में आ गई. टिकट कटने के बाद उभरी पार्टी के बड़े नेताओं ने दूर करने की पूरी कोशिश की लेकिन इलिनोइस के मैदानों में नाराज लोगों ने काम करने में कमी नहीं की।

सत्यसीन संगठन से कोई विधायक नहीं

बिन्द्रानवागढ़ के इतिहास में सत्यसीन संगठन से अधिकतर बार मान्यता प्राप्त नहीं है। सत्यसीन संगठन में 2008 में डमरूधर और 2013 में गुड़गांव के गुब्बारे को छोड़ दिया गया तो ज्यादातर बार प्रमुख विरोधी दल से बने। जिले में भी 2013 के नतीजों को छोड़ दिया जाये तो अन्य राज्यों में एक साथ दो पार्टी के नेता नहीं बने।

अब तक बने विधायक और जीत के आंकड़े

बता दें कि इस बार के चुनाव में राजिम और बिंद्रानवागढ़ विधानसभाओं में कुल 85.04 प्रतिशत मतदान हुआ। जिले के राजिम विधानसभा क्षेत्र में 94 हजार 647 महिला लाॅकडाउन और 97 हजार 230 महिला लाेकसभा ने मतदान किया। इसी तरह बिंद्रानवागढ़ विधानसभा में 95 हजार 768 महिला लाॅकडाउन और 99 हजार 79 महिला लाेकसभा ने मतदान किया था। इस दौरान राजिम में 84.03 और बिंद्रानवागढ़ में 86.02 प्रतिशत मतदान हुआ।

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