छत्तीसगढ़ का तुलसीधाम रचेगा इतिहास: 6 मार्च को क्यों होगी पारद शिवलिंग की स्थापना, जानिए क्या है इस शिवलिंग की…

रायपुर. ग्राम तुलसी (पाटन) स्थित शिवधाम में पूर्व 6 मार्च को एक धर्म का नया इतिहास दर्ज किया जाएगा। धर्म ग्रंथों में सभी चट्टानों से चमत्कारी एवं सभी साधनाओं के लिए उत्तम पारद से निर्मित 108 मूर्तियों की यहां प्रतिष्ठा की जाएगी। पारा अत्यंत ही पदार्थ पदार्थ है. इससे निर्मित भाषा बहुत ही पवित्र और शक्तिशाली होती है। इसके दर्शन से ही नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है सुख-समृद्धि के साथ ही सकारात्मक शक्तियों का संचार होता है।

शिवधाम अनुसंधान एवं सेवा संस्थान, रायपुर की ओर से खारून नदी के तट पर विकसित शिवधाम तीर्थ क्षेत्र में पारद शिवलिंग प्रतिष्ठा समारोह 6 मार्च को पूर्वाहन सवा दस बजे आयोजित किया गया है। पवित्र एवं अद्भुत प्रतिष्ठा प्रतिष्ठा अघोर पीठ क्रीं कुंड, वाराणसी के पीठाधीश्वर बाबा सिद्घार्थ गौतम राम के करकमलों से होंगे। इस अवसर पर अघोर गणेश, मां पार्वती एवं बाबा काल भैरव के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा भी की जाएगी। भव्य मंदिर में अघोरेश्वर भोलेनाथ का विशाल लिंग प्राण भी प्रतिष्ठित होगा। इस मंदिर में भगवान अघोरेश्वर राम और माँ काली (अघोरेश्वरी) प्रतिमा के रूप में साक्षात विराजित हैं।

शिवधाम में भगवान शिव के दर्शन और भक्तों के लिए बहुत ही ज्यादा होता है। इससे मान-सम्मान यश, धन ऐश्वर्य की वृद्धि होती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार देवताओं ने हनुमान जी को पारद लिंग उपहार में दिया था। महादेवघाट से अमलेश्वर सांकरा मोतीपुर, झीट और खुड़मुड़ी होते हुए पाटन मार्ग पर ग्राम तुलसी स्थित शिवधाम में नवरात्रि, मनाली सहित विभिन्न अवसरों पर विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान होते हैं। पारद शिवलिंग की प्रतिष्ठा के बाद यह क्षेत्र और भी शक्तिशाली हो जाएगा।

ऐसे उत्तर प्रदेश के मंदिर तक

पारद भाषा में सभी पापों और विध्वंसों को नष्ट करने की शक्ति होती है। इसका स्पर्श करने से महादेव आकर्षक हो जाते हैं। पारद शिवलिंग की पूजा से 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का पुण्य मिलता है। पारा शिवजी अत्यंत प्रिय हैं। पारा की उत्पत्ति भगवान शिव के अंश से हुई है। पारद लिंग की पूजा करने वाले स्वयं महाकाल और महाकाली की रक्षा करते हैं। पारदेश्वर महादेव के दर्शन बहुत ही कम जगह पर होते हैं। छत्तीसगढ़ के शिवभक्तों को अब शिवधाम में पारद लिंग के दर्शन और पूजा का सौभाग्य मिलेगा। यह मंदिर महादेव घाट से अमलेश्वर, सांकरा, मोतीपुर, मोतीपुर से बायां ग्राम झीट, खुड़मुड़ी के बाद ग्राम तुलसी (पाटन से 5 किमी पहले) है।

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