आरपीएफ ताजा खबर: मिजाज चित्रकारों के पोस्टर-पोस्टिंग से पहले जिन्हें जिन्हें ों के दश ्ियों के दश नये न जमीट इ पुराने अपनी शिक्षकें एकजुटता इसलिए क्योंकि पोस्टिंग से पहले विभाग में जो चर्चा चल रही है वह बेहद ही आकर्षक वाली है। दबी जंज में इंस्पेक्टर्स का ये सवाल है कि यदि विभाग ने मंडल स्तर पर इंस्पेक्टरों से पोस्टिंग से पहले अपनी नई पोस्टिंग की इच्छा (नियमित रूप से) मांगी थी तो विभाग ने पोस्टिंग क्रम में इतनी देरी कर दी क्योंकि? उक्त निरीक्षकों के समूह से यह भी जानकारी सामने आई है कि आवेदन के बाद और पोस्टिंग से पहले इतनी देरी क्यों हुई और कैसे-कैसे यह प्रक्रिया पूरी तरह से बेहतर है।
…तो सिर्फ सीआईबी की स्क्रीनिंग के लिए क्या कहा गया था?
सीएनबीसी के 3 पदों के लिए 13 इंस्पेक्टर्स विभाग को बुलाया गया था। लेकिन ऐसे भी इंस्पेक्टर थे जिन्हें एफ़ो सीक्रॉबड पोस्ट में छूट नहीं दी गई थी (नियमित ऑफर), लेकिन उन्हें इसमें छूट नहीं दी गई थी। इसके पीछे की वजह यह है कि जिन 3 को इस पोस्ट की तैयारी के लिए तैयार किया गया है, उनका कॉम्पिटिशन न खरीदा गया है, इसलिए इस पूरी प्रक्रिया को शामिल किया गया है। स्क्रीनिंग के दौरान जो दस्तावेज गायब थे, वे दस्तावेज घर में ही भूल गए।
लेकिन सवाल यह है कि अगर दस्तावेज नहीं थे तो उन्हें रिजेक्ट क्यों नहीं किया गया? वहीं इन 13 में कई महानुभाव ऐसे भी थे, जो वहां मौजूद थे, चार पहिया वाहनों की स्क्रीनिंग के दौरान वे दिखाई नहीं दिए। लेकिन खबर है कि इन्हें भी पुराने व्यापारी के पास कर दिया गया है. हालाँकि उक्त सभी बातें रेलवे स्तर के अधिकारियों के लिए जांच बोर्ड का विषय है। जिसके बाद ही पूरी हकीकत सामने आएगी।
जिसमें जो पोस्ट करना था,आवेदन के बाद लोगों ने संपर्क किया… इसलिए ऑर्डर में देरी हुई?
अलग-अलग विशेष कलाकारों से लल्लूराम ने ये कंफर्म किया था कि पहले किसी ने क्या पोस्ट किया था संपर्क किया था? इसकी पुष्टि कई इंस्पेक्टरों ने की. उनका कहना था कि उन्होंने जो अप्लाई करते हुए पोस्टिंग में छूट दी थी, उसी आधार पर बात की गई थी, हालांकि बात क्या की गई और उसका आधार क्या है, यह पूछने पर बताया गया कि पोस्टिंग के लिए आदेश दिया गया है। इसके बाद वो इसकी हकीकत बयां करेंगे। सूत्र ने यह भी दावा किया कि वाइटनेस: यही कारण है कि पोस्टिंग में इतनी देरी हुई।