अधिकारियों की निष्क्रियता के अंधकार में बच्चों का भविष्य! विदेशी लोगों को नहीं मिल रहा मंजूरी का लाभ

जशपुर. राज्य सरकार की घुमंतू बच्चों को शिक्षा से जोड़ने की अनेक महत्त्वाकांक्षा के जिम्मेदार अधिकारियों की निष्क्रियता के अनुसार बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जशपुर जिले के बाग, कुनकुरी, पत्थलगांव सहित अनेक मंडियों में इस तरह की मान्यता को ठंडा बस्ते में रखा गया है। और पढ़ें- CG BREAKING : सीआरपीएफ की गोली से भरी बस पलटी, 1 ड्राइवर समेत 11 जवान घायल

इसी तरह के परिणाम प्रोटोटाइप रीडर की उम्र में कई बच्चे सड़कों पर घूम रहे हैं। इससे न केवल उनका भविष्य अंधकार की ओर जा रहा है, बल्कि नशा और आपराधिक बुराइयों में उलझने लगे हैं।

बागान बस स्टैंड में मानसिक रूप से एक नाबालिग महिला अपने बच्चे के साथ चिलचिलाती धूप में रहती है। करीब 10 साल तक इस स्वस्थ्य बच्चे के लिए स्थानीय सरकारी अधिकारियों के पास पहुंच कर मदद की मदद भी मांगी गई, जिम्मेदार अधिकारियों ने इस ओर अब तक कोई सुध नहीं ली।

असली, मानसिक रूप से मूर्ख महिला नागवंशी समाज की है, जो महादेव जोबला की रहने वाली है। यह महिला अपने 10 साल के बच्चे को लेकर घूमती रहती है। ऐसे में बच्चे का भविष्य भी ख़राब हो रहा है. स्थानीय प्रशासन की ओर से कई बार उस बच्चे को सीमेंट की दुकान में रखा गया था, बावजूद इसके आज तक इस ओर से कोई भी नोट नहीं लिया गया।

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इसी तरह पत्थलगांव के सामुदायिक गांव में भी एक बच्चे को भटकाने के लिए मजबूर किया जाता है. यह बच्चों को पढ़ने की चाहत रखने के बाद भी स्कूल में शिक्षा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। अपनी संपत्ति के साथ रह कर घरेलू कार्य में अपना टुकड़ा, बचपन को डुबोते हुए इन बच्चों को अच्छी दिशा देने वाली कई मंत्रों के बाद भी इन बच्चों का भविष्य अंधकार की ओर होने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

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