Category: Chhattisgarh

  • 9 साल की बच्ची के शव से हाई कोर्ट ने की सुनवाई, आरोपी को नहीं मिली सजा

    रायपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 9 साल की बच्ची के शव से मिली नाबालिग बच्ची को सजा नहीं दी। मामले में निचली अदालत ने नवजात शिशु को केवल सात साल की सजा सुनाई थी। समीक्षा के दौरान उच्च न्यायालय ने कहा कि जीवित और मृत दोनों को गरिमा और व्यवहार का अधिकार है, लेकिन स्थायी कानून में शव से लोकतंत्र (नेक्रोफीलिया) के लिए सजा का प्रावधान नहीं है। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राकेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की बेंच ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को मंजूरी देते हुए अपील खारिज कर दी।

    बता दें कि यह घटना 18 अक्टूबर साल 2018 की है। गरियाबंद निवासी महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि वह एक कमरे में काम करती थी, उस दिन भी वह काम करती थी। घर पर उसकी नौ साल की बेटी और माँ क्या थी। काम के बाद दो में जब वह घर आई तो बेटी नहीं मिली। आसपास के रिकॉर्ड्स के बाद रिश्तो की पहचान वालों से भी बेटी के संबंध में पूछताछ की गई, लेकिन कहीं कोई पता नहीं चला।

    पुलिस मामले में महिला की शिकायत दर्ज कर अपहृत बच्ची की तलाश में गायब हो गई थी। 20 अक्टूबर को पुलिस अधीक्षक कमांडेट अहिरे के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नागालैंड के अनुविभागीय अधिकारी गरियाबंद संजय ध्रुव की निगरानी में सुबह क्राइम स्क्वाड और डॉग स्क्वाड के साथ बच्ची की पतासाजी में पुलिस को भेजा गया। संशय डॉग स्क्वाड को एक संदेहास्पद वस्तु होने का संकेत मिला। गंदगी की सफाई की गई तो गम बच्ची का शव मिट्टी में दबा हुआ मिला। मॉस वर्कपालिका के डिप्टी ऑफिसर और एफएसएल शोरूम की टीम रायपुर को अपनी उपस्थिति के बारे में सूचित किया गया, जिसमें सहायक उपकरण की पहचान की गई, जिसमें कैसल द्वारा उनकी बेटी का ही शव होने की पुष्टि की गई।

    पुलिस ने नीलकंठ नीलू नागेश और नितिन यादव पर संदेह के आधार पर मामला दर्ज किया, जिसमें चौथे के बाद नाबालिग का अपहरण, दोस्ती और हत्या की बात स्वीकार की गई। पुलिस ने नाबालिग नीलकंठ निवासी नीलू नागेश (22) पिता गोरेलाल निवासी डाकबंगला को गिरफ्तार कर लिया और नितिन यादव (23) पिता आनंदराम निवासी दरीपारा थाना गरियाबंद को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

    उच्च न्यायालय ने खारिज की अर्जी दाखिल की

    मामले की सुनवाई के बाद ट्रायल कोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश यादव को धारा 376 (3) के तहत उम्रकैद, धारा 363 के तहत दो साल से कम उम्र, धारा 302 के तहत उम्रकैद, धारा 201 के तहत सात साल और एट्रोसिटी एक्ट के तहत सजा सुनाई। की सज़ा सुनाई गई है। वहीं, ट्रायल कोर्ट ने नीलकंठ को साक्ष्य के आरोप में धारा 201 के तहत सात साल की सजा सुनाई।

    बच्ची की मां को जज ने कोर्ट में दी चुनौती

    फैसले में कहा गया है कि ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसे कोर्ट ने सही ठहराया है। याचिका में कहा गया था कि महिलाओं के जीवित रहने पर उनके सम्मान की रक्षा के लिए कई कानून हैं, लेकिन मृत्यु के बाद उनके सम्मान की रक्षा के लिए कोई कानून नहीं है।

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  • BREAKING : आईईडी डिफ्यूज से पीड़ित युवक हुआ घायल, कैंप में इलाज जारी…

    सुशील सलाम, कांकेर। आईईडी को डिफ्यूज़ करने के लिए दिए गए एलएलसी प्रोजेक्ट में समयबद्धता का एक युवा घायल हो गया। घायल युवक का कैंप में इलाज जारी है, जहां उसकी स्थिति बताई जा रही है। यह भी पढ़ें : पावर सेंटर- कटी लाइन… इंस्पेक्टर… मुख्य सूचना आयुक्त!… जलवा… चित्र कैसा?… -आशीष तिवारी

    मामला कोयलीबेड़ा थाना क्षेत्र का है. पानीडोबीर कैंप से एलायंस के युवा ऑपरेशन पर निकले थे। इस दौरान हेटार्क्सा के पास ऑर्केस्ट्रा ने प्लांट लगाया था, जो यंग डिफ्यूज में काम कर रहा था। इस दौरान हादसा हो गया.

  • वन रक्षक भर्ती परीक्षा में कंपनी की मौत पर सीएम साय ने भैंस दख की घोषणा की, सोशल मीडिया में 10 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की गई

    रायपुर. छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में डेस्ट वन रक्षक भर्ती परीक्षा के दौरान एक कोषाध्यक्ष महेंद्र कुमार कुरेटी की अचानक मृत अवस्था हो गई। इसे लेकर सीएम ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए मृतक के परिवार को सरकार की ओर से 10 लाख रुपए की सहायता राशि देने की भी घोषणा की है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट कर लिखा कि वनरक्षक भर्ती परीक्षा में फिलीप टेस्ट के दौरान कांकेर में महेंद्र कुमार कुरेटी की असामयिक मृत्यु अत्यंत दुखद है।

    संकट की इस घड़ी में हमारी सरकार मृतक के परिजनों के साथ है। राज्य सरकार की ओर से उनके परिवार को दस लाख की सहायता राशि प्रदान की जा रही है और आगे भी हमारी सरकार हर संभव मदद के लिए तत्पर है। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिव्य आत्मा को शांति शोकाकुल नमूने को संबल प्रदान करें। इसे भी पढ़ें: वन रक्षक भर्ती के लिए रेस क्लेक्सिल्स टाइम कंपनी की डेथ डेडिकेशन, अस्पताल ले जाती समय हुई…

    देखें सीएम साय का ट्वीट:

    वन रक्षक भर्ती परीक्षा में इलाइची टेस्ट के दौरान कांकेर में महेंद्र कुमार कुरेटी की असामयिक मृत्यु अत्यंत दुखद है।

    संकट की इस घड़ी में हमारी सरकार मृतक के परिजनों के साथ है। राज्य सरकार की ओर से उनके परिवार को दस लाख की सहायता राशि प्रदान की जा रही है और आगे भी हमारी सरकार हर…

    – विष्णु देव साईं (@vishnudsai) 14 दिसंबर, 2024

  • मुख्यमंत्री कन्या सामूहिक विवाह : आत्मसमर्पित उपाधि प्रमिला और टिकेश्वर ने सात फेरे लिए, सामूहिक विवाह संगठन के सदस्य ने कहा – सरकार की विदाई नीति का अंतिम संस्कार लाभ

    गरियाबंद. जिले में आज मुख्यमंत्री कन्या सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें जीवन भर के साथ-साथ का संकल्प लिया गया, आत्म-समर्पित दायित्व का संकल्प लिया गया और टिकेश्वर ने भी अग्नि के सात फेरे लिए। नवदंपती ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन के त्याग नीति का लाभ लेते हुए समाज की मुख्य धारा से जुड़े रहें और अपना खुशहाल जीवन जिएं।

    टिकेश्वर और प्रमिला ने बताया कि हम दोनों बंधक संगठन से जुड़े हुए थे, जहां शादी करने और परिवार के बंधन में बंधने की इजाजत नहीं थी। छत्तीसगढ़ शासन की सख्त नीति के तहत पुलिस के समक्ष समर्पण करने के बाद हम दोनों ने अधिकारियों के पास शादी करने की इच्छा जताई। इस बात पर ध्यान दिया गया गरियाबंद पुलिस ने आज मुख्यमंत्री कन्या सामूहिक विवाह योजना के तहत विवाह कार्यक्रम में पूरे पुलिस परिवार को आशीर्वाद एवं शुभकामनाएं दी। प्रमिला और टिकेश ने छत्तीसगढ़ शासन और गरियाबंद पुलिस को धन्यवाद देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ शासन के सभी सदस्यों से जुड़ी नीति का लाभ उठाते हुए समाज के मुख्य धारा से जुड़े और अपने खुशहाल जीवन जिएं।

  • हाथी के शावक ‘अघन’ की ओडिशा में मौत, 700 से ज्यादा लोगों को मिला पोटाश बम, 3 गिरफ्तार

    गरियाबंद. उदंती सीता नदी अभयारण में हाथी शावक “अघन” की मौत के मामले में वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। पोटाश बम से हाथी शावक को घायल करने वाले तीन चारपाई को गिरफ्तार कर लिया गया है। सभी बुनियादी उदंती सीता नदी अभयारण अरसीकन्हार रेंज के फरसागांव में रहने वाले हैं। फ़ोर्ट्स ने पौराणिक राक्षस शिकार के लिए चार पोटाश बम का भंडाफोड़ किया है। वहीं मामला अन्य नवजात शिशु का है।

    बता दें कि 7 दिसंबर को हाथी के शावक का इलाज के दौरान दम तोड़ दिया गया था। बेबी एलीफेंट अघन 8 नवंबर को पोटाश बम के हमले से घायल हो गई थी। जिसके बाद पोटाश बम से शावक के जबड़े और पैर में गंभीर चोट आई। 27 नवंबर को यह हाथी शावक वन विभाग की बैठक हुई। करीब एक हफ्ते के इलाज के बाद वन विभाग उसकी मां से मिलाने की तैयारी कर रहा था। पोटाश बम के घातक रसायन से बने हाथी के जीभ के घाव पर मुक़दमा का नाम नहीं लिया जा रहा था। लगातार उपचार के अलावा जीभ और गले के एक हिस्से में संक्रमण बढ़ रहा था। जिसके चलते शावक शावक ने भोजन त्याग दिया था।

    वन विभाग की टीम ने चार दिवसीय इवेंट स्थल पर क्राइम सीन का पुनर्निर्माण किया। इस दौरान चौथे ने बताया कि वन्यजीवों के शिकार के लिए चार पोटाश बम का इस्तेमाल किया गया था। जिसके बाद एक पोटाश बम बम से हाथी का शावक घायल हो गया। घटना उदंती नदी टाइगर रिजर्व क्षेत्र की है।

    700 रुपए के पोटाश बम ने ली हाथी शावक की जान

    उपनिदेशक वरुण जैन ने बताया कि ओडिशा में एक व्यक्ति का नाम सामने आ रहा है। इसी व्यक्ति ने 700 रुपये प्रति गोला के हिसाब से पोटाश बम का ठेका दिया था। सर्वे पतासाजी जारी है. बबूल की भी जल्द ही गिरफ्तारी कर ली जाएगी। वहीं सप्ताह भर में पूरे मामले को लेकर पथराव का दावा किया गया है।

    इसे भी पढ़ें : हाथी के बच्चे ‘अघन’ की हुई मौत, पोटाश बम से हुआ था घायल, ठीक है मां से मिलने की थी तैयारी

  • वन रक्षक भर्ती के लिए अंतिम चरण में रेज़ियोना की डेडलाइन, अस्पताल ले जाने का समय हुआ डेथ…

    मनोज यादव, कोरबा। वन रक्षक भर्ती में शामिल आ गए सहकर्मियों की मृत्यु हो गई। दौड़ के भाग में भाग लेने वाले की तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया और उसकी मृत्यु हो गई। यह भी पढ़ें: CG ब्रेकिंग न्यूज़: सड़क दुर्घटना का शिकार हुआ फुटबॉल खिलाड़ी, 12 से अधिक घायल

    जानकारी के अनुसार, जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा क्षेत्र अंतर्गत बाना परसाही का रहने वाला 30 वर्ष का सुखसिंह कंवर वन रक्षक परीक्षा का फिजीकल परीक्षण के लिए कोरबा आया था। बरीडीह में रहने वाले आदिवासियों के घर में अंकित के बाद फिजीकल टेस्ट के लिए प्रियदर्शिनी इंदिरा स्टेडियम का उद्घाटन किया गया था।

    200 मीटर की दौड़ में भाग लेने के समय सुखसिंह की हत्या कर दी गई, जिसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां दार्शनिकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद सामुद्रिक निगम में शामिल हो गए, और कोरबा रेंजर के साथ सिविल लाइन स्टेशन के प्रभारी निगम पर शुरूआती सूचना प्रौद्योगिकी रहे हैं।

    मृत स्टोर के अपने अस्पताल जय भारत ने बताया कि सुखसिंह वन रक्षक की परीक्षा के लिए एक दिन पहले घर आया था। सुबह पांच बजे परीक्षा परिणाम निकला। स्टेडियम में दौड़ के दौरान उनका प्रदर्शन खराब हो गया। इस बात की जानकारी उसने अपने दोस्तों को दी, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।

  • CG BREAKING : पति-पत्नी के विवाद में घर में लगी आग, 5 लोगों सहित 5 लोग झुलसे, पति-पत्नी की मौत

    आमिर रज़ा, रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक बड़ा हादसा हुआ है। शहर के सोमनाथ नगर में पति-पत्नी के बीच हुआ विवाद. इस दौरान गुस्से में पति ने घर में आग लगा दी। घटना की सूचना पुलिस की टीम बचाव करने के लिए टिपण्णी पर। पुलिस टीम को घर से बाहर ही निकाला गया, जिसमें सभी कर्मचारी फट गए, जिससे दो इंस्पेक्टर समेत पांच लोग झुलस गए। वहीं, इस हादसे में पति की जलकर मौत हो गई।

    यह मामला पूरा खमतराई थाना क्षेत्र का है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, रामपुर नगर में पति-पत्नी के विवाद की जानकारी थाना पेट्रोलिंग मशीन पर थी, जहां पति ने घर में आग लगा दी थी। पत्नी संध्या को बचाकर बाहर ले जाया गया, इस बीच घर में रखी गई पिटाई के दौरान पेट्रोलिंग स्टाफ के दो कर्मचारी विकास सिंह और वकील गिलहरे झुलस गए, उनके साथ तीन अन्य नागरिक भी झुलस गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया। वहीं पति राजा राव (40 वर्ष) की आग में जलने के कारण मौत हो गई।

    घटना की सूचना फायर ब्रिगेड की टीम को दी गई। फायर ब्रिगेड की टीम ने एक घंटे के गंभीर संकट के बाद आग को बुझाया और घर के अंदर मृत पति का शव बाहर निकाला। इस मामले में पूरे मामले में पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।

  • ससुराल में हत्या की सुपारी: पति ने दी थी बहू की हत्या की सुपारी, ससुराल में शामिल पति ने की थी आत्महत्या, अब 4 बदमाशों के पीछे की आत्महत्या, पढ़ें पूरी कहानी…

    सुदीप उपाध्याय, बैसाखी. जिला मुख्यालय में 24 अक्टूबर को हुए बवाल का अब पटाक्षेप हो गया है। पुलिस कस्टडी में गुरु चंद मंडल की मौत से पूरे जिले में तनाव की स्थिति निर्मित हो गयी थी. प्रदेश की राजनीति भी काफी गर्म हो गयी थी. पुलिस पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे थे. इन सभी के बीच झारखंड के गढ़वा थाना में दिवंगत गुरु चंद मंडल की पत्नी रीना मंडल गिरी का शव कोयल नदी के किनारे 30 अक्टूबर 2024 को मुलाकात के बाद घटना में एक नया मोड़ आया। झारखंड पुलिस ने रीना मंडल के शव का अंतिम संस्कार रीना गिरी के भाई के साथ मिलकर किया और उसकी पहचान भी रीना गिरी के रूप में की गई। केस दर्ज कर गढ़वा पुलिस ने पूरी घटना में आतंकियों से पूछताछ की, जिसके बाद आज झारखंड की गढ़वा में सहायक पुलिस ने छापा मारा और रीना गिरी हत्याकांड में पीरित शांति मंडल, बालाजी मंडल, ललिता मंडल और सहयोगी बीरा लकड़ा चारों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

    रीना की हत्या के लिए तीस हजार में हुई थी डील

    पूरे मामले में गढ़वा पुलिस ने खुलासा किया कि रीना मंडल की हत्या के लिए उसके पति और पत्नी ने 30000 रुपये की कटौती की थी। मेटलर्जिया राकेश मंडल और उनकी पत्नी ललिता मंडल ने झारखंड पुलिस को बताया कि 30 हजार रुपये में ट्रस्ट को अंजाम देने के लिए डिलिवरी की गई थी। 29 सितम्बर को 18000 रूपये उन्हें प्राप्त हो गये थे। इसके बाद रमेश मंडल ने अपने मित्र वीरू को फोन कर गाड़ी में रीना मंडल को झारखंड के गढ़वा स्थित कोयल नदी पर ले जाकर हाथ पैर की रस्सी नीचे फेंक दी। उनका मोबाइल भी नदी में ही फेंक दिया गया था। इसके बाद करीब 9:30 बजे वह वापस भी आ गए। आने के बाद बचे हुए पैसे भी रमेश मंडल को प्राप्त हो गये थे।

    पुलिस को अनाधिकृत करने के लिए मुस्लिम पक्ष ने दर्ज कराया था गुम्बशुदागी की रिपोर्ट

    गढ़वा पुलिस को बताया गया कि जैसे ही रीना गिरी का अपहरण कर उसे झारखंड ले जाया गया, तो उसके सहायक पति गुरुचंद मंडल ने उसे फोन किया, जिसमें कहा गया कि मैं तुमसे बहुत दूर जा रही हूं, मेरी चिंता मत करना, बस इतनी है उसी बात को रिकार्ड कर लिया गया। इस रिकॉडिंग को 30 सितंबर की सुबह पति गुरु चरण मंडल और पिष्ट शांति मंडल ने नासिक पुलिस में रीना की गुमशुदगी की रिपोर्ट के दौरान पेश किया और रिकॉर्डिंग में रीना गिरी के भाई-बहन और माता-पिता को भी भेजा गया था, ऐसे में बैसाखी पुलिस और मुस्लिम पक्ष को भी अनारक्षित किया जा सकता है।

    बैराज पुलिस ने पहले पूर्ण घटना से उठाया था पर्दा

    जानकारी के अनुसार पुरातात्विक पुलिस ने पूरी घटना की जांच करते हुए ब्रेकअप के पूर्व ही अपनी जांच पूरी कर ली थी। लगभग सभी को पहचान कर ली थी. घटना भी पूरी तरह से सामने आ गयी थी. इसी बीच पति गुरु चंद मंडल को जब इसकी जानकारी लगी तो उसने खुद ही पुलिस स्टेशन में आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के बाद पूरे जिले में तनाव की स्थिति निर्मित हो गयी थी। गॉड की माने तो अगर गुरुचंद ने पुलिस की पढ़ाई में आत्महत्या नहीं की तो इस घटना से परदा पुलिस ने ही उठा लिया। हालाँकि, झारखंड पुलिस ने गंभीर आरोप लगाने वालों को सुपरमार्केट से बर्खास्त कर दिया है।

    लोगों ने वडोदरा में की थी दोस्ती, बासठ पुलिस पर लगे दाग अब ढकेले

    पूरे मामले में साएथ में समाज के लोगों ने काफी मूर्तियां रखी थीं, जिसमें स्टेय में लगी रेलिंग, खिड़की टूट गई थी। दरवाजे पर पत्थरबाजी भी की गयी थी. स्थिति के बीच पुलिस ने काफी संकट पैदा कर दिया और शांतिपूर्ण माहौल में तनाव पैदा हो गया। जहाँ भी ज़िला संपति क्षति और अन्य मामलों में ज़िला पुलिस ने मामला दर्ज किया है। प्रदेश स्तर पर राजनीतिक आश्रमों के प्रमुख भी पूर्वांचल क्षेत्र थे व मामले में तूल देते नज़र आये थे। इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विश्व दीपक त्रिपाठी ने बताया कि रीना गिरी हत्याकांड में झारखंड के गढ़वा थाने में एक हत्यारा दर्ज किया गया था, जिसमें गढ़वा के कोयल नदी से शव बरामद किया गया था। झारखंड पुलिस कॉन्स्टिट्यूशन कर रही थी। आज झारखंड पुलिस मान्यता प्राप्त आई थी और इक्विटी पुलिस से सहयोग मांगा गया था। नोएडा के गढ़वा पुलिस ने तीन आरोपियों की सांताक्रूज के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया है।

  • छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार: सूर्योदय से पुरानी दवा और ब्लड सैंपल, रायगढ़ से तमनार तक हुआ सफल परीक्षण

    दुलेन्द्र पटेल, तमनार. छत्तीसगढ़ में लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार हो रहा है। परीक्षण के माध्यम से औषधि और रक्त रेखाचित्र की योजना बनाई गई है। केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना ‘स्वास्थ्य लाभ में डूबी तकनीक का उपयोग’ के तहत आज डूबान के माध्यम से वितरण और रक्त अनुपात रायगढ़ से 35 किमी की दूरी पर स्थित साकेतिक स्वास्थ्य केंद्र तमनार को भेजा गया है। 15 मिनट में मासूम परीक्षण की रिपोर्ट भेजी गई।

    रायगढ़ डॉक्टर निर्देश पर सीएम बदले डॉ. बीके चंद्रवंशी के निर्देशन में मिनी स्टेडियम रायगढ़ से सोलो हेल्थ सेंटर तमनार प्लाजा तक ब्लड सोलोमन और ड्रग डिस्ट्रीब्यूशन की सफलता प्राप्त की गई। विसर्जन से अंतिम स्थल तक औषधि निष्कर्ष के सफल ट्रायल से टोकियो और स्वास्थ्य वैलिडिटी में जोश भी देखने को मिला।

    बी.ओ.डॉ. डीएस पैकरा ने बताया कि रायगढ़ से डूब क्षेत्र में वैज्ञानिक स्वास्थ्य केंद्र तमनार हाई स्कूल मैदान में सुरक्षित लैंडिंग की। इसके बाद जापान से दवा सामग्री उतारी गई और स्वास्थ्य केंद्र से रक्त जांच के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा गया।

    लोगों को मिलता है बेहतर स्वास्थ्य चिकित्सक : बी.पी

    बी.आई.विद्या ने निर्देशित किया, रेडविंग कंपनी बैंगलोर के यूसुफ सलाउद्दीन और सत्यब्रत पात्रा द्रोण सहायक द्वारा चुना गया। एक बड़ा पी.पी.एस. के लिए दुर्गम। व्युत्पत्ति पर होने वाली रिसर्च के अनुसार, अब साम्राज्य के लिए पूरे स्वास्थ्य विभाग के पास बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध है। इस दौरान बी.ओ.पी.डॉ. डीएस पैंकरा, सचिव राजेश पटनायक, बिटियाओ शशिभूषण सिदार के कार्यालय में बीपीएम एमआई प्रधान, एम टीएस जयलाल सिदार सहित अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।

    वीडियो देखें-

  • श्री फैक्ट्री के गेट के एस्सेल ने निकाली शव प्रदर्शनी, कंपनी ने दी 4 लाख रुपये की सहायता राशि…

    बलौदाबाज़ारी. श्री अंतिम दुर्घटना में मृत वाहन चालक के परिवार को चार लाख रुपए की तत्काल सहायता राशि दी गई है। असल में, गुरुवार को खपराधी स्थित श्री कसाई में पीके लाल सावर पेकिंग में प्लांट में डोज लगाने आया था। इस दौरान उसे साइनस में दर्द होने लगा। जिसके बाद ट्रॉल ड्राइवर को हाइड्रा व्हीकल ने कुचल दिया। अस्पताल में आशिक ने पीके लाल को मृत घोषित कर दिया। पूरा मामला सुहेला पुलिस थाना क्षेत्र का है।

    इवेंट से शव फैक्ट्री और वाहन चालक संघ ने देर रात तक फैक्ट्री के बाहर प्रदर्शन किया। श्री इंडिपेंडेंट मैनेजमेंट कंपनी के साथ मृतक के अवशेषों को नौकरी देने की मांग की जा रही थी। जिसके बाद वाहन चालक संघ, मोटरसाइकिल और श्री रेलवे प्रबंधन, ऑटोमोबाइल यूनियन के बीच देर रात समझौता हुआ। इन्वेस्टमेंट को चार लाख रुपए की सहायता राशि दी गई। साथ ही साथ रिपोर्ट में मृत्यु का कारण दुर्घटना 4 लाख पर रिपोर्ट के अलावा और सहायता राशि दी जाने पर एकांकी के बाद प्रदर्शन समाप्त हो गया। वहीं सुहेला पुलिस मामले में दर्ज कर आगे की कार्रवाई को अंजाम दिया गया है.

    ऐसा कहा जाता है कि कुछ ही दिन पहले यहां एक हादसे में ऊपर से एक मजदूर की मौत हो गई थी। इस दुर्घटना में मारे गए कर्मचारियों में से एक की अभी तक मृत्यु नहीं हुई है, जिससे श्री कर्मचारियों के सुरक्षा प्रबंधन और वहां की भर्ती पर सवालिया निशान उठ रहे हैं।