अंबिकापुर। हसदेव अरण्य क्षेत्र में 250 आदिवासी महिलाओं के एक समूह की ओर से चलाए जा रहे ‘महिला व्यक्तित्व बहुउद्देश्यीय समिति’ (एमएबीएस) ने छत्तीसगढ़ आ रहे नवनिर्वाचित आदिवासियों को अभिमंत्रित पत्र भेजा है। राजस्थान और मध्य प्रदेश से चार आदिवासी नेता हसदेव अरण्य क्षेत्र में पहुंच रहे हैं। इसकी जानकारी एमएबीएस में शामिल है, यहां के घटक दल इन आदिवासी महिलाओं ने राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम के सहयोग से अपनी ओर से साझा स्वागत को देखने के लिए आमंत्रित किया है। इन महिलाओं की ये ख्वाहिश है कि हसदेव के वामपंथी नेता हसदेव अरण्य के लिए सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे आख्यानों की तोह हसदेव के क्षेत्र के आम लोगों से मिलें। इस दौरान सभी जदयू विधायकों ने अपने-अपने गांव में मुलाकात की और चर्चा की।
एमएबीएस के अध्यक्ष अमिता सिंह टेकाम ने 3 फरवरी 2024 को मध्य प्रदेश के सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार और राजस्थान के तीन दिग्गज धरियावद के नेता थावर चंद डामोर, आसपुर के नेता आवासीय डामोर और चौरासी के विधायक प्रिंस रोत को अपने विशेष प्रतिज्ञा पत्र में लिखा है कि “सरगुजा” हसदेव क्षेत्र में स्थित पूर्वी जनजाति जनजाति समुदाय की महिला समानता बहुउद्देश्यीय समिति (मर्यादित) (एमबीएस), जिले में रहने वाली आपकी जनजाति जनजाति समुदाय की समिति है, जो राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के अंतर्गत आती है। वर्ष 2017 में निर्मित की गई थी।
पत्र में आगे लिखा है कि, यह समिति अपने क्षेत्र में आज विविध व्यवसायिक कार्यशालाओं की पहली छमाही से करीब 1.5 करोड़ की आय के साथ मिलकर यहां की सैंकडो बहनें अपने परिवार को बेच रही है। राजस्थान राज्य विद्युत की ओर से यहां के प्रमुख और बड़े कार्यों के लिए यहां के युवा बच्चों की आधुनिक शिक्षा के लिए यहां के युवा बच्चों की पढ़ाई जारी है, शिक्षा बोर्ड का एक मात्र अंग्रेजी माध्यम का स्कूल जहां हमारे भी बच्चे पढ़ते हैं, में पढ़ें 800 से अधिक बच्चों के लिए मुफ्त जलपान और मध्याह्न भोजन तैयार करने और यूनीफॉर्म सीरिया का काणु सिद्धांत। इसके अलावा हमारी एमयूबीएसएस की ओर से संचालित मसाला उद्योग, सेनेट्री पैड उद्योग, नमक, फिनाइल और हाथ धोने का साबुन, चावल की सफाई के लिए छोटी चावल मिल, केंचुआ खाद निर्माण और मशरूम उत्पाद भी शामिल हैं। हमारे इन प्रयासों को सरकारी और गैर सरकारी कर्मियों ने काफी संख्या में पोस्ट किया है और बढ़ावा भी दिया है। इसके अलावा आने वाली ए.के. के लिए भी राजस्थान विद्युत निगम एक आधुनिक शिक्षा पद्धति के अंग्रेजी माध्यम से सीबीएसई स्कूलों की ओर से सैकड़ों बच्चों को मुफ्त शिक्षा, किताबें, यूनीफॉर्म और ट्रांसपोर्टेशन करवा रहा है। वहीं प्रोफेशनल बच्चों के लिए अलग-अलग क्लास की व्यवस्था और धार्मिक परीक्षाओं के लिए स्पेशलिस्ट की ओर से कोचिंग और ऑनलाइन कोचिंग के लिए भी व्यवस्था का टैग है। हमारा परिवार राजस्थान विद्युत निगम की ओर से चला जा रहा दवाखाने और किसान क्लब जैसे भी दिखने लगा है।
पत्र में यह भी लिखा है कि आप हमारे जनजातीय भाई राजस्थान और मध्य प्रदेश से स्थानीय लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और हमें यह सूचना मिली है कि आप लोग सरगुजा तक पवित्रता से मिलने के लिए आ रहे हैं। हम इस मौके पर आपको हमारे व्यावसायिक प्रोजेक्टों में भ्रमण के लिए सादर आमंत्रित करते हैं। हम सरगुजा में रहने वाली जनजातियों ने राजस्थान सरकार के विद्युत निगम की मदद से जो सफल उद्यम बनाए हैं, देखने और समझने के लिए आप सभी श्रमिकों से मांग करते हैं, ताकि आप कुछ मुट्ठीभर बाहरी लोगों की ओर से सोशल मीडिया में भारी खर्चे कर सकें फिर जा रहे दुष्प्रचार से मिन्नत ना हो।
यह जानकारी भी साझा की गई है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में भारत सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री महिला वसुन्धरा राजे के राजस्थान सरकार को सरगुजा में स्थित पाइकेबी प्लांट की स्थापना की थी, जो कि मुख्यमंत्री अशोक पुतिन के समय पर कार्यान्वित हुई थी। उल्लेखनीय है कि समय-समय पर बादल राई राज्य और केंद्र ने पाइकेबी झील को राजस्थान के करोड़ों बिजली उपभोक्ताओं और सरगुजा जिले के हजारों परिवारों के हित में समर्थन दिया है। इसके पीछे एक कारण यह भी है कि राजस्थान के विद्युत निगम ने हसदेव के जंगलों में लाखों पेड़ लगाने और हरियाली फैलाने के लिए सतत और व्यापक अभियान चलाया है।
सिंह टेकाम ने पत्र में बताया कि हसदेव के इस दुर्गम क्षेत्र में खदानों के अलावा रोजी-रोटी का कोई साधन नहीं है और अब हम लोग शिक्षामित्रों को एकत्रित करके केवल वनों पर ही रह सकते हैं। हम भी चाहते हैं कि हमारे बच्चों के लिए अंग्रेजी माध्यम से स्कूल में अच्छी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हों। हम भी बाइक और कार और अच्छा खाना चाहते हैं। हमें भी पक्के घर में रहने का पूरा अधिकार है और इसे जापानी संग्रह करके नहीं बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम भी अलग-अलग तरह के सामान खरीदें ताकि हम सामान के बराबर रह सकें।
अब देखिये ये है कि नेता इन महिलाओं की शिकायती स्वीकारोक्ति करते हुए उनकी चर्चा में शामिल होते हैं या फिर सदन में आने वाले अन्य आंदोलनजीवियों की तरह सिर्फ राजनीति को प्रेरित करते हैं।
आप सभी जनाब विधायक भाइयों का हसदेव में स्वागत है। हम आपके साथ सकारात्मक चर्चा करने के लिए उत्सुक हैं। महिलाओं के विकास और उनसे जुड़े सवालों पर आपका ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं।
– MUBSS_CG (@MUBSS_CG) 3 फरवरी, 2024