बजट सत्र: राष्ट्रपति मुर्मू ने बताईं 10 साल की उपलब्धियां, कहा- राम मंदिर के निर्माण का इंतजार था, अब ये हकीकत…

नई दिल्ली मोदी सरकार 2.0 के अंतिम बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई संसद भवन में दोनों सदनों के संयुक्त सत्र का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत ने राष्ट्रीय हित की दिशा में कई कार्य पूरे होते देखे हैं, अन्य देशों के लोगों का दशकों से इंतजार था। राम मंदिर निर्माण का इंतजार था, आज यह एक वास्तविकता बन गई है। जम्मू-कश्मीर से एनोटेशन 370 का अब इतिहास है। इसे भी पढ़ें : BIG BREAKING : पूर्व मंत्री अमरजीत भगत पर आईटी का छापा, प्रदेश के इन बड़े ठिकानों पर यहां चल रही कार्रवाई

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि डीबीटी के माध्यम से राष्ट्रपति के 36 लाख करोड़ रुपये सूचीबद्ध हैं। जैम ट्रिनिटी ने लाइकेज़ को ख़त्म कर दिया है। आयुष्मान भारत योजना के तहत 53 करोड़ डिजिटल स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की गईं। रिकॉर्ड निवेश के साथ भौतिक पुरातत्व ढांचा उपलब्ध कराया गया है। देश में नई सड़कें बनीं यादगार प्रगति की।

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राष्ट्रपति के अभिभाषण से पहले संसद में बजट सत्र शुरू होने के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे बनाने का अवसर दिया। मीडिया को खुलासा करते हुए मोदी ने कहा कि मुझे आशा है कि पिछले 10 साल में जो सुझाव दिया गया उस तरह से संसद में सभी ने अपना-अपना काम किया। अवैध आदतन हुडदंग करना का स्वभाव बन गया है।

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उन्होंने कहा कि जो लोकतांत्रिक लोकतंत्र का चीरहरण करते हैं, ऐसे सभी अल्पसंख्यकों ने 10 साल में जो लोकतांत्रिक लोकतंत्र का चीरहरण किया है, उसके संसदीय क्षेत्र में भी 100 लोगों से पूछा जाएगा तो किसी को याद नहीं आएगा। किसी का नाम भी नहीं पता होगा. लेकिन जिसने सदन में अपने उत्तम विचारों से संसद को प्रदर्शित किया होगा, उन्हें एक बहुत बड़ा वर्ग आज भी याद आया होगा, अभिलिखित किया जाएगा।

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प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि जब चुनाव का समय आता है तब पूर्ण बजट नहीं रखा जाता, हम भी उसी परंपरा का पालन करते हुए नई सरकार बनाते हैं जिसके बाद पूर्ण बजट सामने आता है। इस बार दिशा- निर्देशात्मक बातें लेकर देश के वित्त मंत्रालय कार्मिक कलेवर हम व्यक्तिगत प्रत्यक्ष बजट पेश करने वाली हैं। मेरा विश्वास है कि देश में नित्य प्रगति की नई-नई ऊंचाई को पार किया जा रहा है।

मोदी ने कहा कि इस नए संसद भवन में जो पहला सत्र हुआ था, उसके आखिरी में इस संसद ने एक बहुत ही गरिमामय निर्णय लिया था, जो नारी शक्ति वंदन अधिनियम। इसके बाद 26 जनवरी को भी हमने देखा कि किस प्रकार से देश ने कर्तव्य पथ पर नारी शक्ति के सिद्धांत-शौर्य को अनुभव किया और आज के बजट सत्र का आरंभ हो रहा है तब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का दिशानिर्देश और कल के आधार पर अंतरिम बजट, एक प्रकार नारी शक्ति के साक्षात्कार का पर्व है.