बाद में. रघुनाथनगर स्टेशन के अंतर्गत तीन महीने पहले संतोष कुशवाहा के नवजात बच्चे की मृत्यु हो गई थी। वाड्रफनगर पुलिस चौकी की पुलिस ने मार्ग पर शव का अंतिम संस्कार किया था। अध्ययन रिपोर्ट में बच्चे की मृत्यु का कारण हृदयघात के बारे में बताया गया है। अब इस मामले में नया बदलाव आया है।
त्रिपुरा, रघुनाथनगर पैसा स्टेट में फ़्लोरिडा अकीड से पीड़ित की यह मांग थी कि उसके बच्चे को दूध पाउडर पिलाया जाता है। जिस कारण से उसकी मृत्यु हो गई। ऐसा ही एक खुलासा बार बार पीड़ित से पैसे की मांग करने लगा था। पैसे नहीं मांगे जाने पर अलाबा जबलून कुजूर ने एक रक्षक को लेकर पीड़ित संतोष कुशवाहा के घर पहुंच गया। जिसके बाद कंपनी में नामांकित संतोष से 20 हजार रुपये की मांग कर दी। पहला किस्त 9 हजार तीस पीड़ितों के पिता से लापता जबलून कुजूर ने के लिए। वहीं एक दिन बाद 11 हजार रुपये दिए जाने की बात पर संतोष को थाने से निकाल दिया गया।
जब मामला मीडिया के यूनिवर्सल में आया तो ग़ुलाम ने मीडिया के सामने ही पीड़ित से 9 हज़ार रुपये वसूल कर लिए। बताया जा रहा है कि संतोष कुशवाहा की पत्नी की मृत्यु के दौरान मृत्यु हो गई थी और एक बच्चे का जन्म हुआ था। जिसका पालन-पोषण पोषण पिता द्वारा किया जा रहा था। लेकिन 15 दिन बाद इलाज के दौरान बच्ची की भी मौत हो गई. जिसका अध्ययन वड्राफनगर सिविल अस्पताल में भी किया गया था।
वहीं इस घटना के बाद संतोष के मुस्लिम पक्ष की ओर से रघुनाथनगर थाने में शिकायत दी गई कि नवजात बच्ची की हत्या कर दी गई है। असलहे के मामले में एसपी डॉ. लाल उम्मेद सिंह ने यादगार लम्हे को सस्पेंड भी कर दिया है।