देश और दुनिया में क्रिसमस की पूरी सजावट की गई है, रायपुर सहित प्रदेश के प्रमुख गिरजाघरों (चर्च) को क्रिसमस ट्री सेंटर, क्रिसमस ट्री सेंटर और विभिन्न प्रकार की लाइटें बेची गई हैं। गिरजाघरों के बाहर लोग क्रिसमस डे को खास बनाने के लिए खरीदारी करते नजर आ रहे हैं।
क्रिसमस 2023 सेलिब्रेशन: त्योहारों के साथ बड़ी भी बड़ी बेसर्बी से आज रात 12 बजने का इंतजार कर रहे हैं। क्योंकि 12 बजे के साथ 25 दिसंबर का दिन शुरू होगा, इसी दिन आज से करीब 2 हजार 23 साल पहले वर्तमान इजराइल-फिलिस्तीन के बेथलेहेम शहर में प्रभु यीशु मसीह का जन्म हुआ था। इस दिन को ईसा मसीह के ईसा मसीह के त्योहार के रूप में मनाया जाता है।
चर्चों में साजी प्रभु यीशु की हुंकि
राजधानी रायपुर में मौजूद छत्तीसगढ़ के सबसे पुराने चर्चों में स्थित सेंट पॉल्स कैथेड्रल चर्च में भी क्रिसमस का जश्न मनाया गया, जहां आज रात ठीक 12 बजे प्रभु यीशु मसीह के जन्मदिन का भव्य आयोजन होगा। चर्च में प्रभु यीशु के जन्म की हुंकार बनी है। माता मरियम के साथ बालक जीएस का प्रतिरूप घास-फूंस से बनी स्टॉक में गांठ (भेड़-गाय) के साथ प्रस्तुत किया जा रहा है। चर्च भवन में रंगबिरंगी रोशनी, गुब्बारों, फूल, चांद, सितारे, क्रिसमस ट्री से लगाया गया है। ऐसी ही मान्यता है कि प्रभु यीशु का जन्म आधी रात को हुआ था। इसलिए क्रिसमस का त्योहार आधी रात को मनाया जाता है।
राजधानी रायपुर में सिविल लाइन स्थित सेंट पाल कैथेड्रल चर्च, बैरन मार्केटिंग के सेंट जोसेफ चर्च, डंगनिया के सेंट मैथ्यूज चर्च सहित दो किलों से अधिक चर्चों में क्रिसमस की पूर्व संध्या पर नाटकों में प्रभु यीशु के जन्म का मंचन करके संदेश दिया गया। इसके बाद आधी रात को केक आर्किटेक्ट की जाएगी।
135 साल पुराना है सेंट पॉल्स कैथेड्रल चर्च
राजधानी रायपुर के सिविल लाइन स्थित सेंट पॉल्स कैथेड्रल चर्च लगभग 135 वर्ष पुराना है, क्रूस की छत पर प्रभु यीशु के इस चर्च की स्थापना वर्ष 1885 में की गई थी। लेकिन किस कारणवश चर्च बनने में देरी हुई और इसका निर्माण 1903 में पूरा हुआ था। यह छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा चर्च माना जाता है, जहां 1500 लोग एक साथ जा सकते थे।
लगभग 40 नोकिया के विशाल क्षेत्र के बीच-समुद्र तट पर स्थित यह चर्च आगरा और सिकंदराबाद से यहां आकर मसीही समुदाय के लोगों ने संयुक्त सहयोग बनाया था। चर्च के निर्माण में 20,114 हजार रुपये का चंदा लगा। चर्च का मीन्स वर्ष 2018 में बनाया गया। इसके बाद वर्तमान में चर्च सार्जेंट हॉल में करीब 4 हजार लोग एक साथ शामिल हो सकते हैं। चर्च परिसर में ही क्रिसमस डे के बाहर लॉन में 10 हजार से अधिक लोगों के लिए बैठने की व्यवस्था की जाती है।
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