रायपुर। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के ‘डोनेट फॉर कंट्री’ के नाम पर क्राउड फंडिंग लॉन्च की गई, जिसमें भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री वैभव मोहन अग्रवाल ने करारा पर हमला बोला है। उन्होंने इसे कांग्रेस की लूट-नीति का अभियान भी बताया है। बहादुर मोहन अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस इस अभियान में लोकतंत्र और देशवासियों से चंदा एकीकरण करेगी। कांग्रेस के नेता इसे 1921 के तिलक स्वराज फंड से प्रेरित बता रहे हैं, जबकि तिलक स्वराज फंड के चंदे की राशि का सदुपयोग ब्रिटिश हुकुमत से लादने में किया गया था।
बाबरी मोहन अग्रवाल ने कहा कि देश के नाम पर पार्टी के लिए चंदा इत्था करने के इस अभियान में तिलक स्वराज समर्थक सहयोगी कांग्रेस ने अपनी घिनौनी राजनीतिक नीति का परिचय दिया है। लोकमान्य तिलक और उनके स्वराज अभियान का अपमान करने का अधिकार कांग्रेसियों को नहीं है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का हमेशा से यही लक्ष्य रहा है कि किसी भी स्थिति में पैसा कमाया जाए। छत्तीसगढ़ को लूट-लूटकर कांग्रेस के संवैधानिक फैसले के बाद कांग्रेस अब कर्नाटक को अपने एटीएम के पर इस्तेमाल कर रही है। इसके बाद तेलंगाना में भी कांग्रेस इसी लूट-खसोट की नीति अमल में आ रही है। जिस कांग्रेस के डीएनए में रचना-बासा है, उस कांग्रेस का दस्तावेजीकरण नहीं है। न्यूयाम्यवादी कांग्रेस के साहूकारी साहू के घर से काले धन के रूप में करोड़ों रुपये की बरामदगी का साफ हो गया है कि कांग्रेस के नेताओं ने सत्ता में बंधक बनाकर लूट मचा रखी थी! असली कांग्रेस के सभी नेताओं ने अपनी-अपनी जेबें भर ली हैं, इसलिए अब देश के नाम पर सिद्धांत और देश के लोगों को लूटने का यह असली कांग्रेस के लोगों को आया है।
बृज मोहन अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस के छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हुई हार के बाद हजारों करोड़ रुपये के घोटाले, कमीशनखोरी और सरकारी खजाने की लूट हुई है और कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व का एटीएम बंद हो गया है और कांग्रेस के पैसे की भूख और चिंता सता रही है। है, इसलिए लूट-खसोट का यह नया भिन्न रूप कांग्रेस ने शुरू किया है। कांग्रेस की इस महामारी के प्रकोप से मुक्ति ही देशवासियों के लिए एकमात्र उपाय है।