महासमुंद: छत्तीसगढ़ की बसना विधानसभा सीट एक सामान्य सीट है, जो महासमुंद जिले में आती है। बसना विधानसभा सीट कांग्रेस पार्टी का गढ़ मानी जाती है। छत्तीसगढ़ अलग राज्य बनने से पहले ही बसना में यहां के राजा महेंद्र बहादुर सिंह कांग्रेस से नेता रहे। जिसके बाद विधायक के रूप में उनके समर्थक बहादुर सिंह यहां से नेता बने हैं। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर इस सीट से बीजेपी ने अभी तक चिंता की घोषणा नहीं की है. कांग्रेस पार्टी एक बार फिर राजपरिवार के साथ आगे बढ़ सकती है। यहां से लीगल लीडरों को कांग्रेस में शामिल किया जा सकता है।
बसना विधानसभा सीट के बारे में जानें:
यहां पिछले चुनावों पर नजर डाली गई, तो 1993 में यहां मौजूदा दिग्गज दिग्गज बहादुर सिंह के चाचा महेंद्र बहादुर सिंह विधायक बने, जो इस रियासत के राजा भी थे। वह 1993 से 1998 तक विधायक रहे। जिसके बाद 1998 में दूसरी बार कांग्रेस से नेता बने। 2003 के चुनाव में बीजेपी के त्रिविक्रम भोई ने महेंद्र बहादुर को 2 हजार से भी ज्यादा की कमाई के साथ इतिहास रच दिया। 2008 के चुनाव में कांग्रेस से डेमोक्रेट बहादुर सिंह को जीत मिली। 2013 विधानसभा चुनाव में कुमारी चौधरी ने कांग्रेस के साहस को 6 हजार 239 डॉलर के अंतर से हराया। 2018 विधानसभा में राजघराने से बहादुर सिंह फिर चुने गए नेता।
बसना जिले के क्षेत्र:
- बसना विधानसभा क्षेत्र में कुल – 2 लाख 15 हजार 140
- महिला -1 लाख 8 हजार 306
- पुरुष- 1 लाख 6 हजार 829
- ट्रांसजेंडर मंदिर की संख्या 5 है।
बसना जिले में कुल कलाकार, बसना जिले की सीट का जातिगत गुणांक:
बसना क्षेत्र में सबसे अधिक आदिवासी आदिवासी समाज आते हैं, जिनकी संख्या 65 हजार है। वहीं कोलता समाज के चर्च की संख्या 40 हजार है। अघरिया समाज के लगभग 30 हजार लोग हैं। यहां सिर्फ विकास को देखकर अपना नेता प्रतिपक्ष है। पिछले 2018 के चुनाव में यहां 85.85 प्रतिशत मतदान हुआ था।
बसना विधानसभा सीट की तस्वीर:
बसना में सड़कों, पुलों, सरकारी बोर्डों के माध्यम से विकास की चमक बिखरी हुई है। लेकिन कुछ इलाकों में गर्मी के मौसम में राजकुमार का संकट अब भी मंडरा रहा है। यहां के लोग किसानी और वनोपज उद्योग पर प्रतिबंध है। किसानों के लिए साओसेल की सीलिंग की समस्या अब भी बनी हुई है। गर्मी के दिनों में खेतों से नीचे जाने से पानी की समस्या रहती है। वहीं रेल लाइन से जुड़ने की पुरानी मांग अभी भी अधूरी है। स्कूल में परमाणु ऊर्जा संयंत्र की कमी बनी रहती है। उच्च शिक्षा व्यवस्था भी चरम पर है। साथ ही यहां औद्योगिक क्षेत्र नहीं है, जिससे गरीब वर्ग के लोग पलायन कर जाते हैं।
बसना विधानसभा का नतीजा2018 चुनाव में बसना विधानसभा का नतीजा:
विधानसभा चुनाव 2018 में बसना विधानसभा से कांग्रेस के चुनावी मैदान में उतरे बहादुर सिंह ने आई डंके की चोट पर संपत अग्रवाल को करीब 17 हजार से हरा दिया। इस चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता बहादुर सिंह को 67535 वोट मिले। वहीं दूसरे स्थान पर रहे आईएनडीआर्थी संपत अग्रवाल को 50,027 वोट मिले। इस सीट पर भाजपा 36,394 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रही।
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