ईडी की झारखंड में सशक्त सक्रियता: सत्या एंड ब्यूरोक्रेसी के बड़े कारोबारी पर

रांची। छत्तीसगढ़ के बाद अब झारखंड में ईडी सुपर एक्टिव मोड में है। उत्खनन, जमीन के घोटाले के बाद अब शराब और डीजल एजेंसी द्वारा सत्य से लेकर ब्यूरोक्रेसी के गलियारों में कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अलग-अलग मामलों में जांच का सबसे बड़ा आधार सीएम मिशेल सोरेन, मठ के सदस्य और राज्य के करीबी आधे लोग और राज्य सेवा के उनके अनुयायियों की संख्या में वृद्धि हो सकती है।

जेल में अब तक 20 से ज्यादा रसूखदार

ईडी झारखंड में पावर ब्रोकर्स और कई लैपटॉप पर भी लगातार गिरावट जारी है। एडी की जांच और कार्रवाई की वजह से राज्य के दो आईएएस घटक पूजा मंदिर और प्रयागराज, ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता बीरेंद्र राम, आठ-नौ बड़े आईएएस विष्णु अग्रवाल, अमित अग्रवाल, दिलीप घोष, झिन तिवारी, सुनील यादव, टिंकल भगत , भगवान भगत, कृष्णा शाह, दो चार्टर्ड क्रैडेंट सुमन कुमार और नीरज मिर्जा और दो पावर ब्रोकर्स पंकज मिश्रा और प्रेम प्रकाश और जयजयकार तिवारी समेत 20 से भी ज्यादा लोग जेल भेजे जा चुके हैं।

शराबख़ाना के किंगपिन से पूछताछ

ईडी की सबसे ताज़ा कार्रवाई शराब के निदेशक में हुई है। गुरुवार को शेयर बाजार के किंगपिन माने जाने वाले राज्य के बड़े शेयर बाजार के दिग्गज कारोबारी तिवारी को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। इसके पहले तीन अलग-अलग तारीखों की लंबी पूछताछ की गई। अब एजेंसी ने उन्हें आठ दिनों की फिल्म पर लेकर शनिवार से विस्तृत पूछताछ शुरू की है।

शराब बनानेवाला तिवारी

शराब के साथ इन ढंडों में भी शामिल

अपराधी के बाद अदालत में उसे पेश करते हुए एजेंसी ने दावा किया कि डीजेयर तिवारी शराब के साथ-साथ जमीन और रेत के अवैध कारोबार में शामिल है और उसे कई दिग्गजों और नेताओं का संरक्षण प्राप्त हुआ था। स्पष्ट रूप से हो रहा है, मजीद तिवारी सेवाली पूछताछ से जो तथ्य सामने आने वाले हैं, उनके बैंक झारखंड की सत्ता और सलेमी के बड़े ज्वालामुखी तक। ईडी ने 31 मार्च को ईएसआईसी मजबूत (इन्फोर्समेंट केएस इन फॉर्मेशन रिपोर्ट) में प्रवेश किया था। इसके बाद 23 अगस्त को राज्य में 34 शिलालेखों पर एक साथ कई तरह के दस्तावेज और निशानियां बरामद की गईं। इनमें से एक विज्ञापन राज्य के वित्त मंत्री डॉ. फोटोग्राफर और उनके पुत्र रोहित का आवास भी था। यहां से एचडी ने तीस लाख रुपये की रसीद भी बरामद की।

इस वस्तु के बाद जांच का आधार और विकास हुआ। डीडी ने अब उसी ईसीटी पावर में 15 और संरचनाओं को जोड़ा है। इन अवशेषों में करीब 20 से ज्यादा लोग शामिल हैं तो सीधे तौर पर पीएचडी की जांच की जद में आ गए हैं। संभावना प्रोजेक्ट जा रही है कि जैसे-जैसे जुड़ेंगी, घोटालों के नए-नए किरदार सामने आएंगे।

गोदाम में छत्तीसगढ़ का ही फॉर्मूला

आरोप है कि जूनियर तिवारी ने वर्ष 2021-22 में राज्य में शराब के कारोबार में एकाधिकार प्राप्त कर लिया। उसने अपने कर्मचारियों के नाम पर अलग-अलग फर्मों के शेयरधारक की उपलब्धि हासिल की थी और इन फर्मों का पूरा शेयर तिवारी के हाथ में ही था। झारखंड में जो शराब का घोटाला हुआ है, उसकी कड़ियां छत्तीसगढ़ से भी जुड़ी हैं।

झारखंड ने सीजीएसएमसीएल को कंसल्टेंट बनाया

झारखंड सरकार ने वर्ष 2021-22 में एक्साइज आईआईएसई शराब बिक्री की नई मंजूरी लागू की थी और इसे जमीन पर सूचीबद्ध करने के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग रेलवे लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के साथ मिलकर उसे एसोसिएट कंसल्टेंट नियुक्त किया था। इस कंसलटेंट कंपनी की सलाह पर छत्तीसगढ़ की राजधानी झारखंड सरकार ने अपने हाथों से शराब की दुकानें खोलने के लिए शेयर बाजार को अपने कब्जे में ले लिया।

एपी और उनके राजभवन की रही भूमिका

झारखंड में यह काम छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग मार्केटिंग लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अरुण त्रिपाठी और उनके साझीदार सिद्धार्थ सिंघानिया की टीम में शामिल किया गया था। अब झारखंड के शराबी के किरदार में उनकी भूमिका की जांच तेज होगी।

सीएसएमसीएल के पूर्व प्रबंध निदेशक अरुण पति त्रि…

पहले छत्तीसगढ़ और अब झारखंड में जांच

बता दें कि ईडी की छत्तीसगढ़ इकाई में इस छात्र ने झारखंड के दो तीर्थयात्री विनय कुमार और करण सत्यार्थी को भी अप्रैल महीने में तलब कर दिया है। संभावना है कि एचडीएफसी की झारखंड इकाई में भी अब इन शेयरधारकों को भर्ती किया जा सकता है। विनायक सोरेन के सीएम के सचिव भी हैं। ऐसे में मामले की जांच में अंतिम प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से सीएम तक पहुंच हो सकती है।

रिचार्ज विनायक कुमार और करण सत्यार्थी

ऐसा कहा जाता है कि इसके पहले एक हजार करोड़ के खनन घोटाले में एडी स्टेट के सीएम माइकल सोरेन से पूछताछ की गई थी। जमीन की जांच में भी उन्हें पांच बार समन का भुगतान किया जा चुका है। सोरेन से किसी समन पर उपस्थित नहीं हुए और एचडी के खिलाफ पहले सुप्रीम कोर्ट और उसके बाद के चर्च में दाखिल हुए। हालांकि कोर्ट से उन्हें अब तक कोई राहत नहीं मिली है। संभव है कि इस मामले में ईडी उनके खिलाफ कार्रवाई कर सके।

सबसे खतरनाक प्रमुख हैं सीएम सोरेन

सीएम रसेल सोरेन खुद इस बात को लेकर आशंकित हैं और उन्होंने कहा है कि केंद्र की बीजेपी सरकार उन्हें जेल डिप्टी की रणनीति बनाने पर मजबूर कर रही है। सोरेन मिनिस्टर के कांग्रेस कोटे के पुराने आलम जागीर आलम पर शाहिद ने साहिबगंज जिले के बड़हरवा में एक विवाद से जुड़े विवाद में पिछले साल यही दर्ज किया था। इसकी जांच से भी आगे बढ़ोतरी हो सकती है।

सीएम सोरेन के प्रधान सचिव रह रहे वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजीव अरुण एक्का के खिलाफ बीडीओ ने करीब 200 करोड़ रुपए के कमीशन के सबूत पहले ही बेच दिए हैं। एजेंसी ने सबूतों और ब्यौरों की एक रिपोर्ट में राज्य सरकार और एंटी करप्शन ब्यूरो के साथ मिलकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की बात कही है। तय है कि इन महत्वपूर्ण मामलों में पीएचडी की जांच और कार्रवाई, आने वाले महीनों में जैसे-जैसे आगे की सड़कें, राज्य की सत्यता और नागरिकता में बंडर और तेज होंगे।