डोनाल्ड ट्रम्प ने मेक इन अमेरिका की घोषणा की: अमेरिका के राष्ट्रपति की गद्दी संभालते ही डोनाल्ड ने विश्व की राजनीति में अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है। वास्तविक अमेरिका में नामांकन परिवर्तन प्रारंभ करने के लिए नीचे दिए गए हैं। इसी में एक बड़ा ऐलान ‘मेक इन अमेरिका’ का है। डोनाल्ड एरियल ने गुरुवार को दुनिया के बिजनेस लीडर्स से अपने उत्पादों को अमेरिका में बनाने की बुकिंग की। उनका ये दावा ही ‘मेक इन अमेरिका’ प्रोग्राम है। उन्होंने साफ किया कि कंपनी को अपने उत्पादों को अमेरिका में मैफैक्चरिंग करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि तैयारी के लिए ज्यादा टैक्स या शुल्क देना चाहिए।
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बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड खलक ने अपने पहले भाषण में कहा था कि अब अमेरिका खुद को फिर से ‘विकासशील देश’ मानेगा और वह अमेरिका को एक अमीर सरदार बनाएंगे। वह अपनी इस बात को लेकर आए हैं कि किस तरह सीरियस के मैक्स एमएस्क ने अपने आप को ‘मेक इन अमेरिका’ के रूप में बंद कर दिया है।
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दुनिया के हर व्यवसाय के लिए मेरा संदेश बहुत सरल है।
आइए अमेरिका में अपना उत्पाद बनाएं और हम आपको दुनिया के किसी भी देश की तुलना में सबसे कम कर देंगे। लेकिन अगर आप अपना उत्पाद अमेरिका में नहीं बनाते हैं तो आपको टैरिफ देना होगा। pic.twitter.com/wDDsurmXb7
– राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रम्प (@POTUS) 23 जनवरी, 2025
इतना ही नहीं अपने पहले भाषण में ही डोनाल्ड अख्तर ने साफा कहा था कि वह अमेरिका के बड़े व्यापारिक देश कनाडा, मैक्सिको और चीन पर भारी टैरिफ लगा सकते हैं। वह ये जल्दी-जल्दी हो सकता है जैसे कि एक फरवरी से ही कर देगा। इन देशों की सूची में भारत का नाम शामिल नहीं है। उन्होंने अमेरिका को पेरिस जलवायु परिवर्तन और विश्व स्वास्थ्य संगठन से भी अलग कर लिया है।
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क्या भारत भी लपेटे में है
डोनाल्ड एरियल ने टैरिफ बढ़ाने वाले देशों की सूची में भले भारत का नाम नहीं लिया हो। हालांकि इसका असर भारत पर तय माना जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा, “जहाँ भारत की चिंता बढ़ सकती है।” डोनाल्ड रियल ने कहा, ”आप अमेरिका में अपने उत्पाद बनाते हैं और हम आपको धरती पर किसी भी देश की तुलना में सबसे कम टैक्स का लाभ देंगे।” यदि आप अमेरिका में अपने उत्पादों को नहीं तोड़ते हैं, जिसका निर्णय आप करना चाहते हैं, तो आम तौर पर आपको बहुत अधिक कर चुकाना होगा।
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कोविड के दौरान जब दुनिया की कई बड़ी कंपनियों का चीन से मोहभंग हो गया और उन्होंने अपने स्टॉकहोम चेन में अलग-अलग देशों को शामिल करना शुरू कर दिया। तब भारत ने अपने ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को बढ़ावा दिया। वहीं ‘प्रो लाइक्स लिंक्ड इंसेंटिव’ (पीएलआई स्कॉब्स) पेशी के लिए भी आयोजिक को लाभ मिलता है। ऐसे में डोनाल्ड रसेल का सबसे कम टैक्स का वादा भारत को परेशान कर सकता है। इसी तरह डोनाल्ड भी अपने पिछले पद पर भारत के इंपोर्ट ड्यूटी पर ऐतराज जत्था बने हुए हैं। उनका ये बयान हार्ले डेविडसन बाइक के संदर्भ में आया था।
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