रायपुर. गृह मंत्री अमित शाह ने अपने छत्तीसगढ़ दौरे के दूसरे दिन (16 दिसंबर 2024) को रायपुर राज्य में उग्र उग्र स्थिति की समीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, सत्यनारायण विजय शर्मा, छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव गोविंद मोहन, छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा और सशस्त्र पुलिस बलों (सीआरपीएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ) के प्रमुख भी शामिल हुए। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री ने मार्च 2026 से उग्रवाद को समाप्त करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सामूहिक रूप से काम करने की अपील की।
इस दौरान अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में उग्रवाद, छात्रसंघ, मार्च 2026 तक पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पिछले एक साल में माइक्रोसॉफ्ट के एक्शन के कारण ब्रॉडकास्ट में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, जो एक महत्वपूर्ण सफलता है। गृह मंत्री ने बताया कि सीआरपीएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ, छत्तीसगढ़ पुलिस और डीआरजी के संयुक्त प्रयास से मुस्लिमवाद के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाया गया है और निश्चित रूप से मार्च 2026 से पहले ही मुस्लिमवाद का समापन किया जाएगा।
शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि इस अभियान में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की भूमिका महत्वपूर्ण होगी, और उनका मानना है कि सभी सुरक्षाबल और राज्य गठबंधन एकजुटता इस चुनौती का सामना करेंगे। गृह मंत्री ने कहा, “छत्तीसगढ़ पुलिस और अन्य जवानों ने जापान के खिलाफ बड़े पैमाने पर एकजुटता के साथ काम किया है और आने वाले वर्षों में इस दिशा में और भी ठोस कदम उठाए जाएंगे।”
बीजापुर में गुंडम फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस का दौरा
अपनी छत्तीसगढ़ यात्रा के दौरान अमित शाह ने बीजापुर जिले स्थित गुंडम फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस का भी दौरा किया। इस बेस का मुख्य उद्देश्य पूर्वोत्तर में प्रभावितों की उपस्थिति और संचालनालय की समीक्षा करना है। गृह मंत्री ने इस दौरान विपक्ष की ओर से अविश्वास प्रस्ताव रखा और उन्हें अगले वर्ष के लिए मित्रतावाद की मिली सफलता के लिए बधाई दी। साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें इसी जोश के साथ नागरिकतावाद की लड़ाई जारी रखनी चाहिए, ताकि मार्च 2026 तक देश को इस समस्या से पूरी तरह मुक्ति मिल सके।
नतीजे की सफलता और आगामी लक्ष्य
अमित शाह ने अपने प्रोजेक्ट में रेज़ॉलू की साहसिक यात्रा और राज्य पुलिस की भूमिका की भूमिका निभाते हुए कहा कि पिछले एक साल में क्रेटाल को भारी क्षति हुई है। उन्होंने विशेष रूप से सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी और छत्तीसगढ़ पुलिस के खिलाफ समन्वित कार्रवाई को अंजाम दिया, जो कि मित्रतावाद के चरणबद्ध कदम साबित हो रहे हैं। गृह मंत्री का कहना था कि इन सहयोगियों ने मिलकर एक बड़े लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है और समुदायवाद को समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
अमित शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार की सामूहिक भागीदारी को पूरी तरह से समाप्त करने के उद्देश्य से हर संभव कदम उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मार्च 2026 तक इस समस्या से पूरी तरह से मुक्त अवसादन के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।