अजय जड़ेजा को जामनगर राजगद्दी का उत्तराधिकारी घोषित किया गया: गुजरात की रियासत जामनगर (पूर्व में नवानगर) के राजघराने से हीरा रखने वाले पूर्व भारतीय क्रिकेटर अजय देवगन को जामनगर की गद्दी का नया उत्तराधिकारी घोषित किया गया है। जामनगर के वर्तमान जाम साहब शत्रुशल्यसिंहजी असंतसिंहजी महाराज ने शुक्रवार देर रात एक पत्र के माध्यम से इस ऐतिहासिक निर्णय की घोषणा की। इसके बाद उन्होंने घोषणा की कि अजय देवगन अब नए जाम साहब कहलाएंगे।
जामनगर रॉयल फैमिली के 53 साला लाज़ेड अजय नागार्जुन के पिता सम्बलसिंहजी शत्रुशल्यसिंहजी के चतुर्थ भाई हैं। शत्रुशल्यसिंहजी ने अजय क्षत्रिय को पदावनत घोषित करते हुए कहा कि, “दशहरा वह दिन है जिस दिन पांडवों ने 14 वर्ष का अज्ञातवास पूरा करके विजय का अनुभव किया था।” आज मैं भी विजयी महसूस कर रहा हूं, क्योंकि अजय देवगन ने मेरे उत्तराधिकारी और नवानगर के अगले जाम साहब को स्वीकार कर लिया है, जो मैं शास्त्रीय जामनगर के लोगों के लिए एक बड़ा स्वर्ण पदक मानता हूं।” उन्होंने इस जिम्मेदारी को स्वीकार करने के लिए अजय देवगन को धन्यवाद भी कहा।
पूर्व क्रिकेटर अजय श्रीकांत का पर्यटक
1971 में जामनगर में जन्में पूर्व खिलाड़ी अजय देवगन की टीम ने भारत के लिए इतिहास में शानदार प्रदर्शन किया। अजय देवगन ने 1992 से 2000 तक भारत का प्रतिनिधित्व किया। हालाँकि, वह फिक्सिंग स्कैंडल में फंसने के बाद भारत में ग्राउंड के लिए फिर से नहीं उतर पाई। कोर्ट से टोकियो को फिक्सिंग मामले में क्लीन चिट मिल गई, लेकिन ट्रस्ट पर एक दाग ही लग गया। उनके क्रिकेट करियर की बात की जाए तो अजय देवगन ने भारत के लिए 15 टेस्ट और 196 मोबाइल मैच खेले। टेस्ट क्रिकेट में बिग बॉस ने टीम इंडिया के लिए 576 रन बनाए हैं, जबकि स्टॉक में उनके नाम 5359 रन दर्ज हैं, जिसमें उनके पास 6 शतक और 30 जड़े हैं। उनके क्रिकेट करियर का सबसे यादगार पल 1996 क्रिकेट विश्व कप क्वार्टर फाइनल में आया, जब उन्होंने पाकिस्तान की भारतीय टीम को पछाड़ते हुए आखिरी बार जीत हासिल की। स्ट्रेंथ ने सिर्फ 25 गेंदों में 45 रन बनाए, जिसमें से 40 रन वकार यूनिस के अंतिम दो ओवर में आए थे। विरोध के अलावा, परमाणु ऊर्जा संयंत्र की फील्डिंग में भी शानदार प्रदर्शन किया गया था।
अभी क्या करते हैं अजय मोनोटोक
क्रिकेट से जुड़े कमेंट के बाद सुपरमार्केट की सूची बनाते हैं। इसके अलावा वह आईपीएल में कई अलग-अलग टीमों के खिलाड़ी भी रह रहे हैं। पिछले साल वह अफगानिस्तान के कोच भी बने थे। अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड से कोई फ़ीस नहीं ली थी। इस दरियादिली के लिए उनकी काफी मशहूर हुई थी।
अकूत संपत्ति के मालिक हैं जाम साहब अजय ओझा
स्कॉटलैंड का पूरा नाम अजय सिंह है। उनके पिता स्टाल्टसिंहजी सुपरमार्केट रॉयल फैमिली से आये थे और जामनगर से तीन बार न्यूमेरिक रहे थे। यही कारण है कि पुरावशेषों को भी संपत्ति मिल गई। हालाँकि, जापान को क्रिकेट पसंद था, तो उन्होंने अपना करियर खेल में आगे बढ़ाया। मीडिया सिद्धांत के अनुसार, 250 करोड़ के करीब संपत्ति है। लॉटरी की कमाई का मुख्य जरिया स्क्रीच क्रिकेट कमेंटरी है। इसके अलावा उनके पास राज महल जैसा घर है और कई लक्जरी सुविधाओं के मालिक हैं। अपने समय में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले क्रिकेटरों में से एक रहे हैं।
जामनगर की क्रिकेट में समृद्ध विरासत
जामनगर के शाही परिवार की क्रिकेट में समृद्ध विरासत है। प्रतिष्ठित रणजी ट्रॉफी और दलीप ट्रॉफी का नाम क्रमशः ग्रेडे के रिश्तेदार विश्राम सिंहजी और केएस दलीप सिंहजी का नाम रखा गया है।
रेस्टलेस रिज़र्व भी जामनगर के राजपूत हैं
यह जानने वाले कोलकाता के राजा होंगे कि अजय देवगन की तरह भारतीय क्रिकेटर व्यापारी भी जामनगर के राजकुमार हैं। वह फील्डिंग, फ्लोटिंग और फील्डिंग त्रि-आयामी में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। फिलहाल वह भारतीय टीम के सबसे अहम खिलाड़ियों में से एक हैं।
जामनगर राजघराने का इतिहास
जामनगर के राजघराने का इतिहास स्टोका राजवंश के राजा जाम रावल से है। उन्होंने 1540 ईस्वी में नवानगर रियासत की स्थापना की थी। वे दो नदियाँ, रंगमती और नाममती, के किनारे एक किला और महल के साथ देवी आशापुरा का मंदिर था। जाम रावल के साथ 36 तरह के राजपूत कच्छ से जामनगर आये थे। जाम रावल जाम हाला के वंशज थे, इसलिए इस क्षेत्र को ‘हालार’ कहा जाता था। स्थानीय भाषा में ‘जाम’ शब्द का मतलब ‘सरदार’ होता है। जाम साहब के नाम का प्रयोग सबसे पहले जाम रावलजी ने किया था। जामनगर को सबसे पहले पीत नगरी के नाम से जाना जाता था। जामनगर में भारतीय वायु सेना, भारतीय सेना और भारतीय नौसेना के बेस स्टेशन हैं। यहां चार प्रसिद्ध संगमरमर जैन मंदिर भी हैं।
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