हाइवे पर बना डिवायडर जिससे टकराई थी कार। डिवायडर पर लगा है खून।
HighLights
120 किमी की अनुमानित रफ्तार से दौड़ रही थी कारतीन दोस्तों की मौत के बाद उठा सवाल-इन हादसों का जिम्मेदार कौनपहले बनाई थी पैदल जाने की योजना, बाद में कार से गए
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। झांसी हाइवे पर ललियापुरा के पास जिस पुलिया पर यह हादसा हुआ, उस पुलिया पर डिवाइडर का छोटा-सा टुकड़ा है। रात के अंधेरे में यह डिवाइडर तभी नजर आता है, जब गाड़ी बिलकुल करीब पहुंच जाए। डिवाइडर पर न रिफ्लेक्टर है न रोशनी है। गाड़ियां भी यहां से रात में तेज रफ्तार में गुजरती हैं।
इन लोगों की गाड़ी भी करीब 120 किमी की रफ्तार में दौड़ रही थी। उल्लेखनीय है कि झांसी हाइवे पर ललियापुरा गांव के सामने बीती रात करीब 2.30 बजे हुए भीषण सड़क हादसे में तीन दोस्तों की मौत हो गई। इनमें नाम संजय धाकड़ , विवेक जोशी और ऋतिक मांझी बताए गए हैं। इनके दो दोस्त अंकित शर्मा और मोहित राय गंभीर रूप से घायल हो गए।
हादसे की वजह को लेकर यह आशंकाएं हैं
मवेशी: जहां हादसा हुआ, वहां अक्सर गाय बैठी रहती हैं। पहले भी बाइक सवार की गाय से टकराने से मौत हुई थी। डिवाइडर नजर न आना: यह भी हो सकता है, डिवाइडर नजर ही न आया हो। रात में गाड़ियों की रोशनी भी आंखों पर पड़ती है, जिससे चालक भ्रम में पड़ जाते हैं। यह डिवाइडर के कारण हादसे का प्वाइंट है। नींद: यह भी हो सकता है कि कार चला रहे संजय को नींद का झौंका आ गया हो और यह हादसा हो गया।
पैदल जाना था… संजय बोला.. कार से चलते हैं
जब इन लोगों के स्वजन से बात की तब सामने आया कि पहले तो यह लोग नवरात्र में शीतला माता के दर्शन करने के लिए पैदल ही मंदिर जाने वाले थे। माता के पंडाल में अचानक योजना बनी। संजय आया और बोला कि कार से चलते हैं। सभी कार से चलने के लिए तैयार हो गए। मस्ती करते हुए गए, मंदिर पहुंचकर दर्शन भी कर लिए। लौटते समय हादसा हो गया।
गाड़ी तेज रफ्तार में थी, यह तो स्पष्ट है। यह पता नहीं लगा है कि कार अनियंत्रित कैसे हुई। यहां एक डिवाइडर भी है, जो दूर से नजर नहीं आता। नशे में होने की पुष्टि नहीं हुई है।
-मंगल सिंह पपोला, थाना प्रभारी, झांसी रोड।