सुदीप उपाध्याय, बैसाखी। डॉक्टर को बार-बार भगवान का दर्जा दिया जाता है और आज इस घटना में डॉक्टर मनोज ने सच में भगवान की तरह एक घायल युवक की जान बचाई है। रिहायशी, रिहायशी जिले के वाड्रफनगर पुलिस चौकी के अंतर्गत गंगा नदी के पास सड़क दुर्घटना में एक युवक की पत्नी की मौत हो गई, जबकि पति गंभीर रूप से घायल हो गया। दुर्घटना के बाद मुख्य रूप से डॉक्टर मनोज यादव ने तत्परता दिखाते हुए एक किशोर की जान बचाई और उसे अपने वाहन से अस्पताल छोड़ दिया।
जानकारी के अनुसार, युवक अपनी पत्नी के साथ बाइक पर सवार होकर घर की ओर जा रहा था। इसी दौरान उनकी बाइक एक ट्रक की चपेट में आ गई, जिससे दोनों रोड किनारे गिर पड़े। हादसे के बाद वहां से टकराए हुए लोग दोनों को मृत मांग कर छोड़ दिया गया। लेकिन संयोगवश ड्यूटी से लौटकर डॉक्टर मनोज यादव की नजरें श्रद्धांजलि पर रखी गईं। उन्होंने तुरंत कंपनी की स्थापना स्थिति का पता लगाया और दोनों की जांच की।
डॉक्टर ने पाया कि उसकी पत्नी की मौत हो गई थी लेकिन युवक की सांसें चल रही थीं। डॉक्टर मनोज ने अपनी मासूमियत और चिकित्सीय कौशल का उपयोग करते हुए घायल किशोर को चुपचाप सीने में रखकर प्राथमिक उपचार और इंजेक्शन लगाया। इसके बाद उन्होंने अपनी गाड़ी से युवाओं को वाड्रफनगर सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में प्रारंभिक इलाज के बाद युवाओं को बेहतर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर रेफर किया गया, जहां उनका इलाज जारी है। डॉक्टर मनोज यादव की सलाह और मानवीय कार्रवाई ने युवाओं की जान बचा ली, जिनके बारे में लोगों में पता चल रहा है।