दो माह से तनख्वाह नहीं दी, मांगी तो बहाने से बुलाकर मरणासन्न होने तक पीटा

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सिकंदर कंपू इलाके में युवक से हुई बेरहमी से मारपीटमारपीट करने वालों में युवक का मालिक भीयुवक की हालत गंभीर, अभी भी बेहोश

नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। सिकंदर कंपू इलाके में रहने वाले युवक की बेरहमी से मारपीट की गई। मारपीट करने वालों में उसका गाड़ी मालिक भी शामिल है। युवक गाड़ी चलाता है। दो माह से उसके मालिक ने तनख्वाह नहीं दी थी। जब तनख्वाह मांगी तो बहाने से बुलाया और जानलेवा हमला कर दिया। फिर मरणासन्न हाल में उसे अस्पताल ले गया। यहां से उसके स्वजनों को बताया कि वह सड़क हादसे में घायल हुआ है। युवक की हालत गंभीर बनी हुई है, वह बेहोश है।

सिकंदर कंपू स्थित बारह बीघा कालोनी में रहने वाला 35 वर्षीय राहुल कुशवाह पेशे से चालक है। वह सत्यम भदौरिया की गाड़ी चलाता है। सत्यम की गाड़ी बिजली घर में किराये से लगी हुई है। दो माह से राहुल को तनख्वाह नहीं दी। इसके चलते राहुल ने काम पर जाना बंद कर दिया। बीते रोज जब सत्यम ने उसे आने के लिए कहा तो उसने इंकार कर दिया। इस पर सत्यम ने तनख्वाह देने के बहाने बुलाया।

राहुल पहुंच गया। यहां सत्यम और उसके दोस्त बिट्टू तोमर ने बेरहमी से मारपीट की। फिर उसे अस्पताल में भर्ती कराकर भाग गए। स्वजनों को फोन कर बताया कि वह सड़क हादसे में घायल हो गया था। जब स्वजन पहुंचे तो देखा कि राहुल के पूरे शरीर पर मारपीट के निशान है। पुलिस ने इस मामले में एफआइआर दर्ज कर ली है। स्वजनों का कहना है कि आरोपितों के संपर्क रसूखदारों से हैं। इसलिए अभी सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही, जबकि उनके बेटे की हालत गंभीर बनी हुई है।

नाबालिग मथुरा पहुंची, याचिका लगी तो वापस आई

हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में भिंड जिले के एक व्यक्ति द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता दीपेंद्र कुशवाह ने मथुरा के एक मंदिर में रह रही नाबालिग को कोर्ट में पेश किया। हाई कोर्ट ने जब उससे पूछा कि वह मथुरा के मंदिर में क्यों रह रही थी तो उसने बताया कि उसकी दोस्ती एक लड़के से हुई थी जिसने बात करने के लिए उसे एक मोबाइल फोन दे दिया था।

एक दिन घरवालों ने उसे मोबाइल फोन के साथ देख लिया और उसकी मारपीट कर दी। गुस्से में वह घर छोड़कर मथुरा चली गई और एक मंदिर में रहने लगी। कोर्ट ने उससे पूछा कि उसे कहां जाना है तो उसने अपने माता पिता के साथ जाने की इच्छा जाहिर की। कोर्ट ने उसे उसके परिजनों को सौंप दिया।