कलेक्टर रुचिका चौहान, एसपी धर्मवीर सिंह, निगामायुक्त अमन वैष्णव
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर: ग्वालियर के अफसरों का अगस्त माह औसत रहा। सरकार की योजनाओं की बात हो या बुनियादी सुविधाओं को लेकर काम, ट्रैफिक सुधार का मसला हो या क्राइम को कंट्रोल करने की बात, मैदान में काम हुए अब तेजी और चाहिए। इस माह हुई रीजनल कान्क्लेव में प्रशासन, पुलिस व निगम के अधिकारियों ने तालमेल का बढ़िया परिचय दिया।
कमियों की बात करें तो जनता से जुड़े अभियान में राजस्व महाअभियान में कलेक्टर की सख्ती भी पेंडेंसी कम नहीं कर सकी। उधर सड़क-सफाई में बेहतर काम अभी निगमायुक्त की ओर से बाकी है। एसपी ने क्राइम कंट्रोल में परफारमेंस तो दिखा दी लेकिन ट्रैफिक में जूझती जनता को मुक्ति दिलाना बाकी है। अफसरों से अब सितंबर में उम्मीद ज्यादा है। पढ़िये ग्वालियर कलेक्टर, निगमायुक्त व पुलिस अधीक्षक ने अगस्त में कितना क्या काम किया, रिपोर्ट कार्ड-
कलेक्टर: रुचिका चौहान
अन्य विभागों से समन्वय: 20-15 कलेक्टर के अन्य विभागों से समन्वय ठीक है, इसमें इस माह की बात करें तो उद्योगों से जुड़े विभाग एमपीआइडीसी, जिला उद्योग केंद्र के तालमेल से ही रीजनल कान्क्लेव सफल हुई और निवेश प्रोत्साहन केंद्र शुरू किया। सड़कों को लेकर निगम से, ई-रिक्शा प्रोजेक्ट को लेकर पुलिस से भी समन्वय बना। योजनाओं का क्रियान्वयन 20-12: शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन में सबसे राजस्व महाअभियान रहा, हांलांकि इसमें पेंडेंसी अधिक रही। ग्रामीण क्षेत्र में ठीक काम रहा। पीएम जनमन में अच्छा काम किया गया। हितग्राही लाभ योजनाओं में औसत काम रहा। पेंडेंसी (सीएम हेल्पलाइन) 20-14: सीएम हेल्पलाइन पर आज की स्थिति में ग्वालियर प्रदेश में 12वें नंबर पर है। शिकायतों का निराकरण खुद अधिकारी संतोषजनक ढंग से करें। इसपर फोकस की जरूरत है। शिकायतों की मानीटरिंग को लेकर समीक्षा भी हुई। जनसुनवाई 20-11: हर मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में शिकायतों की संख्या बढ़ गई है। शिकायतें अधिकारियों को फारवर्ड की जाती हैं, लेकिन उनका निराकरण कितना हुआ इसकी समीक्षा और कड़ी किए जाने की जरूरत है। नवाचार 20 -15: नवाचार को लेकर ई-रिक्शा का नया सिस्टम बनाया गया जो शुरू होने वाला है। पात्रता एप की लांचिंग की इसके साथ ही भिक्षावृत्ति उन्मूलन के लिए प्रयोग किया है। हथियार लाइसेंस अनावश्यक न बढें इसको लेकर प्रयास किए गए।
एसपी: धर्मवीर सिंह यादव
अन्य विभागों से समन्वय: 20-15 पुलिस का अन्य विभागों से समन्वय पिछले कुछ समय में ठीक हुआ है। अतिक्रमण हटाने से लेकर ट्रैफिक को लेकर नगर निगम, जिला प्रशासन,पीडब्ल्यूडी,बिजली कंपनी इनके साथ तालमेल ठीक दिखा। योजनाओं का क्रियान्वयन 20-14: पुलिस से जुड़ी शासन को लेकर योजनाओं की बात हो या पुलिसिंग को लेकर विभाग के निर्देश, इसको लेकर मैदानी स्तर पर अधिकारी सक्रिय दिखे हैं। शासन के निर्देश पर स्कूली वाहनों की चेकिंग से लेकर सड़क सुरक्षा समिति के निर्णयों पर और तेजी से अमल की जरूरत है। पेंडेंसी (सीएम हेल्पलाइन) 20-13 पुलिस की सीएम हेल्पलाइन में शिकायतों का आंकड़ा अधिक रहता है, फौरी तौर पर सुधरने वाला शिकायतों का जल्द निराकृत कर दिया जाता है लेकिन ऐसी समस्याएं भी काफी आती हैं जिनके निराकरण में समय लग जाता है। जनसुनवाई 20-16: पुलिस की जनसुनवाई में अपराध के साथ साथ कई तरह की शिकायतें आती हैं, अफसर मौके पर पूरी टीम के साथ बैठते हैं लेकिन समय सीमा में निराकरण कठिन हो जाता है। इसके लिए और सक्रियता की जरूरत दिखती है। नवाचार 20 -13 पुलिस के खाते में नवाचार ज्यादा तो नहीं लेकिन ट्रैफिक के कुछ प्रयोग हुए हैं। ई-रिक्शा के सिस्टम में रिक्शा वालों की काउंसिलिंग पुलिस ने की। इसके अलावा ब्लैक स्पाट से लेकर हूटर व बुलेट साइलेंसर की औचक कार्रवाई भी ठीक रही।
नगरनिगम आयुक्त: अमन वैष्णव
अन्य विभागों से समन्वय: 20-15 नगर निगम आयुक्त का अन्य विभागों से समन्वय ठीक है। शासकीय विभागों की निर्माण अनुमति से लेकर पोल हटाने, संपत्तिकर की वसूली सहित शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन में निगम की भूमिका को लेकर काम किया गया। योजनाओं का क्रियान्वयन 20-13 : योजनाओं को लेकर क्रियान्वयन में अभी नगर निगम में और काम दिखना शेष है। नवागत आयुक्त के समय में अधोसरंचना आधारित योजनाओं पर फोकस शुरू किया गया है, इसके अलावा हितग्राही आधारित योजनाओं में तेजी आना बाकी है। पेंडेंसी (सीएम हेल्पलाइन) 20-16: सीएम हेल्पलाइन को लेकर सबसे ज्यादा समस्याएं निगम में सड़क,सीवर, पानी से जुड़ी आती हैं, शिकायतों का निराकरण भी ठीक है लेकिन मानीटरिंग स्तर पर अधिकारियों का रवैया और संवेदनशील किए जाने की जरूरत है। जनसुनवाई 20-12: हर मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में नगर निगम में शिकायतों का ढेर लगा रहा है, अवैध निर्माण से लेकर बुनियादी सुविधाओं की शिकायतों को लेकर तत्परता से काम करने की जरूरत है। निराकरण का स्तर में तेजी है। नवाचार 20 -10 नवाचारों में अभी नगर निगम का खाता कमजोर है। सफाई को लेकर आयुक्त लगातार निरीक्षण कर रहे हैं इस सख्ती से थोड़ा सुधार दिख रहा है। इसके अलावा निगम के खाते में बड़ी उपलब्धियां नहीं है।