जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव: आदिवासियों की सूची जारी करते हुए ही भाजपा में मचा बवाल, फिर खींचा कदम…

ग़ैर। भाजपा ने आज जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभाओं के लिए तीन चरणों में होने वाले चुनाव के लिए 44 क्रूज़ की सूची जारी की, जिस पर विवाद शुरू हो गया। हालातों को देखते हुए पार्टी ने सूची वापस ले ली। सूची में शामिल किए गए पोर्टफोलियो पर फिर से विचार करने के बाद जारी किया जाएगा।

बता दें कि बीजेपी की पहली सूची में 14 मुस्लिम मुसलमानों के साथ दो पंडितों को स्थान दिया गया था। इनमें सूची में दो प्रमुख नाम शामिल हैं, इनमें पूर्व अध्यक्ष निर्मल सिंह और जम्मू-कश्मीर में भाजपा के प्रमुख क अध्यापिका गुप्ता शामिल हैं।

जम्मू-कश्मीर में 19, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को थ्री स्टेज में मतदान होगा। 4 अक्टूबर को वोटों की गिनती होगी। 2019 में राज्य का विशेष दर्जा समाप्त हो गया और दो केंद्रीकृत विभाजन के बाद जम्मू-कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव हुआ।

2014 में जम्मू-कश्मीर में पूर्वी क्षेत्र का चुनाव हुआ था। 2014 के चुनाव में बीजेपी ने 25 गोलपोस्ट में शानदार प्रदर्शन किया था, वहीं पीडीपी 28 में सबसे बड़ी पार्टी का उदय हुआ था। नेशनल नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 15 चर्चों की स्थापना की, और कांग्रेस ने 12 मंदिरों की स्थापना की। चुनाव के बाद बीजेपी और पीआईपी ने एक अद्भुत गठबंधन सरकार बनाई, जिसका नेतृत्व मुफ़्ती मोहम्मद सईद ने किया था।