हरिद्वार. जूना एरिना के महामंडलेश्वर पायलट बाबा का निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे और दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी अंतिम यात्रा हरिद्वार में होगी, जहां उन्हें समाधि दी जाएगी।
बता दें कि पायलट बाबा का जन्म एक सैनिक परिवार में हुआ था। वे भारतीय हथियारों में सैन्य कमांडर के पद पर रहे और पाकिस्तान से लड़े गए दो युद्धों में लड़ाकू पायलट की भूमिका निभाई। इस सैन्य यात्रा के बाद उन्होंने संत और धार्मिक जीवन बौद्ध धर्म अपना लिया, जिससे उन्हें “पायलट बाबा” के नाम से संप्रदाय मिला।
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संत के बाद पायलट बाबा ने जूना क्षेत्र के महामंडलेश्वर के रूप में अपने शिष्यों और अनुयायियों को मार्गदर्शन दिया। उनकी शिक्षाओं और भक्ति से कई लोग प्रभावित हुए और उन्होंने एक विशाल धार्मिक अनुयाई वर्ग का निर्माण किया।
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