समग्र ब्राह्मण परिषद् छत्तीसगढ़ ने “शनि प्रदोष” का 15 हजार से अधिक लोगों द्वारा निर्माण किया गया, जिसमें रुद्राभिषेक पूजन भी शामिल है

रायपुर। पुरानी बस्ती स्थित श्री महामाया देवी मंदिर सत्संग भवन में आज समग्र ब्राह्मण परिषद छत्तीसगढ़ द्वारा श्री महामाया देवी मंदिर सार्वजनिक न्यास रायपुर के सहयोग से सावन माह के अंतिम शनिवार एवं “शनि प्रदोष” तिथि को सनातन धर्म जयंती एवं राष्ट्रहित की कामना के साथ 11,000 तीर्थयात्रियों का निर्माण रुद्राभिषेक पूजन सहित महाआरती का कार्यक्रम शामिल हुआ।

इस कार्यक्रम के लिए प्रातः 7 बजे से अष्टधातु द्वारा तैयार की गई मिट्टी से “ॐ नम: शिवाय” का उच्चारण करते हुए एक दर्जन से भी अधिक हजार से भी अधिक समय तक पूजन-अर्चन किया गया। इसके बाद श्री सत्संग भवन के सभागार में रुद्राभिषेक पूजन के लिए सभी निर्मित शिवलिंग की स्थापना की गई। पूजन की शुरुआत श्री महामाया देवी मंदिर में प्रतिष्ठित सभी देवी देवताओं को पुष्प, अक्षत आदि अर्पित किए गए। .

पूजा के अगले क्रम में सभी भिक्षुओं ने वैदिक पं. लक्ष्मण तिवारी, वैदिक पं. खिलेन्द्र पांडे, पं.अभय तिवारी, पं.हेमंत नंदे के मार्गदर्शन में पितृ लिंगों की विधि डेक पूजा सहित यजुर्वेद की शुक्लयजुर्वेद संहिता के ‘रुद्राष्टाध्यायी’ मंत्रों के सार पाठ से दूध, दही, शर्करा, मधुरस, रुद्र घी की स्थापना की गई। रुद्र अभिषेक पूजन के बाद सभी भक्तों ने सकल्य एवं घी की आहुति से दशांश निवास किया। भगवान भोलेनाथ की महाआरती की गई। सायंकाल 4 बजे बाजे गाजे एवं गणेश जी के साथ विसर्जन हुंकार निकाली गई, जिसमें सभी पौराणिक शिवलिंगों को दूधाधारी मंदिर स्थित महाराजबंद तालाब में विसर्जित किया गया, इसके बाद पारंपरिक रूप से सभी भक्तों को देवताकर भंडारा प्रसादी का वितरण भी किया गया।

कलयुग में पौराणिक शिवलिंग का विशेष महत्व

सिद्धांत यह है कि सतयुग में रत्न का, त्रेता में सोने का, द्वापर में पारे का और कलयुग में पार्थिव शिवलिंग बहुत महत्वपूर्ण है। जिस प्रकार से गंगा की सभी नदियों में श्रेष्ठ है, उसी प्रकार से मूल लिंग सभी नदियों में श्रेष्ठ है। जैसे सभी व्रतों में शिवरात्रि, सभी दैवी शक्तियों में देवी शक्ति श्रेष्ठ है, वैसे ही सभी लिंगों में आर्थिक लिंग श्रेष्ठ है।

सैकड़ों शिष्यों ने परिवार सहित दर्जे की प्रशंसा की

समग्र ब्राह्मण परिषद छत्तीसगढ़ द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन यह तीसरा वर्ष है। इस कार्यक्रम में सैकड़ों टुकड़े टुकड़े परिवार शामिल थे, जिसमें अपनी स्तुति दर्ज की गई थी। प्रत्येक वर्ष इस आयोजन के लिए संपूर्ण पूजन सामग्री संगठन द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। यह पूजा के लिए पूर्णतया निःशुल्क था। इस कार्यक्रम में रायपुर जिला, शहर दुर्ग, बालोद, बिलासपुर, छुईखदान के सनातन धर्मानुरागी एकमात्र आतंकवादी शामिल हैं।

इस कार्यक्रम में श्री महामाया देवी मंदिर सार्वजनिक न्यास के सभी सदस्यों में पं.शैलेंद्र, पं.गौरव मिश्रा, पं.विवेक जॉय, क्रांति कुमार अग्रवाल, श्रीमती प्रमिला तिवारी, श्रीमती आरती उपाध्याय, श्रीमती कालिंदरी उपाध्याय शामिल हैं। , श्रीमती स्वाति मिश्रा, श्रीमती संतोष शर्मा, श्रीमती ममता शर्मा और शैले रिछारिया, पं.संजय शर्मा, पं.रामानुज तिवारी, पं.प्रेमशंकर शुक्ला, पं. सजल तिवारी, पं.श्रीकांत तिवारी, पं. दीपक शुक्ला, पं.चक्रेश तिवारी, पं.अमित जोशी एवं डा.भावेश शुक्ला “पराशर”, स्वाति त्रिपाल, सरिता शर्मा, श्यामा तिवारी, बिन्दु तिवारी, कृतिका सजल तिवारी, विंद्या पांडे, पं.विजय कश्यप का विशेष योगदान रहा।

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