कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को आरजी कर मेडिकल अस्पताल में हुई तोड़फोड़ को रोकने में विफल रहने के लिए राज्य प्रशासन पर तीखा हमला किया। मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगनम और न्यायमूर्ति एच भट्टाचार्य की अध्यक्षता वाली पीठ, अस्पताल परिसर में भीड़ के हमले से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो 9 अगस्त को 31 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या के विरोध में विरोध प्रदर्शन के दौरान हुआ था।
राज्य के वकील ने अदालत को बताया कि तोड़फोड़ की घटना के समय कम से कम 7 हजार लोग वहां मौजूद थे, जिसके बाद अदालत ने सवाल किया, “अगर 7 हजार लोगों को आना था, तो वे पैदल नहीं आ सकते थे।” पीठ ने आगे कहा, “यह राज्य मशीनरी की पूर्ण विफलता है।”
हाईकोर्ट ने कहा, “आमतौर पर जब इतनी बड़ी भीड़ जमा होती है तो स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को मौजूद रहना चाहिए। अगर 7,000 लोग घुस आए तो यह मानना मुश्किल है कि राज्य की कोई गलती नहीं है।”