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अचलेश्वर मंदिर के एक महीने बाद दान-पत्र खुलेएक माह में छह लाख 53 हजार 450 रुपये निकले हैंदोनों सोमवारों को 50-50 हजार रुपये की धनराशि चढ़ौत्री के रूप में आई हैं
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। अचलेश्वर महादेव की दान पेटी में जब दान की रकम की गिनती की गई तो एक स्टांप पर लिख हुआ था कि मेरा अगला टारगेट मुकेश धीरूबाई अंबानी। स्टांप पर पता भी लिखा हुआ है। जिसमें किसी मनोज शर्मा पुत्र रामेश्वर दयाल शर्मा (जीवित मोक्षी आत्मा) निवासी बालाजी विहार गुढ़ी गुढ़ा का नाका, कंपू ग्वालियर लिखा हुआ है। स्टांप निकलने के बाद प्रबंधन ने इसे पुलिस को सौंप दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
अचलेश्वर मंदिर के दान-पत्र एक माह बाद रविवार की सुबह खोले गए। इस माह चढ़ावे के रूप में अचलनाथ भक्तों ने उनकी गुल्लक में छह लाख 53 हजार 450 रुपये अर्पित किए हैं, जो कि पिछले माह की तुलना एक लाख पांच हजार एक सौ पचास रुपये अधिक हैं। इसमें सावन माह के पहले व दूसरे सोमवार की चढ़ौत्री भी शामिल हैं। दोनों सोमवारों को 50-50 हजार रुपये की धनराशि चढ़ौत्री के रूप में आई हैं।
दानपत्र 20 ग्राम व 10 ग्राम चांदी के सिक्के भी निकले हैं। इस माह भक्तों ने चढ़ौत्री के साथ-साथ अपनी समस्याओं को पत्र भी भगवान अचलनाथ के चरणों में निराकरण के लिए अर्पित किए हैं। इनमें घरेलू व पारिवारिक समस्या से जुड़े हैं।
दानपत्र में भगवान अचलनाथ के अर्जी के पत्र भी निकले हैं
दान-पात्र में भगवान अचलनाथ के भक्तों की अर्जी के पत्र निकले हैं। एक भक्त ने लिखा है कि मुझे तीन हजार रुपये की आवश्यकता है। मैं यह रुपये हार गया हूं, मेरी व्यवस्था कर दो। इसके अलावा घर परिवार की समस्या से जुड़े पत्र है। एक पत्र में युवती के नाम का भी निकला है।
छह घंटे में हुई गिनती
अचलेश्वर संचालन समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश उच्च न्यायालय एनके मोदी के निर्देशन पर बैंक के सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने मंदिर में लगे चौदह दानपत्रों के ताले खोले गए। गिनती के लिए पहले नोटों को छांटकर उनकी गड्डियां बनाईं गईं। उसके बाद नोटों की गिनती की गई। मंदिर के प्रबंधक वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि इस माह चढ़ौत्री के रूप में छह लाख 53 हजार 450 रुपये की राशि निकली है।
नोट कुलसंख्या राशि
500 400 दो लाख
200 144 28 हजार 800
100 1305 एक लाख 30 हजार 500
50 1551 77 हजार 559
20 3785 75 हजार 700
10 8047 80 हजार 470
5 126 630
इसके साथ ही सिक्के 54 हजार 800