जबलपुर में रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव का हुआ आयोजन।
HighLights
स्थानीय उत्पाद के निर्यात और MSME सेक्टर पर काम करेगी सरकार महाकोशल के बाद ग्वालियर और रीवा में होगी रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेवतमिलनाडु के कोयंबटूर में 25 जुलाई को इंडस्ट्री कान्क्लेव करेगी सरकार
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल : मध्य प्रदेश सरकार अब स्थानीय उत्पादों के निर्यात पर जोर देगी, इसके लिए एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) और सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) सेक्टर में काम को बढ़ाया जाएगा। निर्यात पर अलग-अलग श्रेणी में सब्सिडी भी दी जाएगी।
सरकार ने माना है कि पहले की अपेक्षा मध्य प्रदेश से निर्यात घटा है। इससे छोटे उद्योग भी प्रभावित हुए है। ऐसे में अब राज्य सरकार छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी और प्रोत्साहन राशि भी बढ़ाने पर विचार कर रही है। इसकी शुरुआत उज्जैन और जबलपुर में रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव के माध्यम से की गई है।
औद्योगिक क्षेत्र में पिछड़े इलाकों में निवेश पर जोर
सरकार औद्योगिक क्षेत्र में पिछड़े ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित कर यहां निवेश लाने पर जोर दे रही है। इसके बेहतर परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव एक ऐसी शुरुआत है जो मध्य प्रदेश को देश में अलग स्थान प्रदान करेगी। उज्जैन से इसकी शुरुआत हुई जो महाकोशल में पहुंची।
ग्वालियर और रीवा में रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव
अगली श्रंखला में अब मध्य प्रदेश के ग्वालियर में सितंबर में और अक्टूबर में रीवा में रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव का आयोजन किया जाएगा। प्रदेश के बाहर तमिलनाडु के कोयंबटूर में 25 जुलाई को, कर्नाटक के बेंग्लुरु में अगस्त में, दिल्ली में सितंबर और इंदौर में सितंबर में ही इंडस्ट्री कान्क्लेव प्रस्तावित है।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन की तैयारियां
रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव के बाद सात और आठ फरवरी 2025 को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन की तैयारियां शुरू हो जाएंगी। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में मध्य प्रदेश की नई निर्यात नीति की घोषणा होगी और निवेश बढ़ाने के लिए नए निवेशकों के साथ नई उद्योग नीति में किए गए प्रविधानों को सांझा किया जाएगा।
आज जबलपुर में आयोजित “Regional Industry Conclave 2024” में प्रदेश में 265 इकाइयों को 340 एकड़ भूमि हेतु आशय पत्र प्रदान कर बधाई व शुभकामनाएं दीं।
उज्जैन, इंदौर, भोपाल एवं जबलपुर के साथ ही अन्य क्षेत्रों में निवेश की कुल राशि ₹1,876 करोड़ है एवं इससे 12900 से अधिक रोजगार का सृजन… pic.twitter.com/BnllRrrNEb
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) July 20, 2024
प्रदेश में निर्यात का दोगुना रखा रक्ष्य
सभी जिलों में निर्यात सुविधा प्रकोष्ठ बन गए हैं। इससे छोटे और मझौले स्तर के उत्पादकों में निर्यात के प्रति जागरूकता आई है। मध्य प्रदेश व्यापार संगठन परिषद और निर्यात प्रकोष्ठों ने मिलकर कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं जिससे निवेश की संभावनाओं का आंकलन करने में सरकार को मदद मिली।
नीमच, हरदा, अशोकनगर, नरसिंहपुर, शहडोल, बालाघाट, बैतूल और धार में जिला निर्यात संवर्धन कार्यक्रम आयोजित किए गए। मध्य प्रदेश, भारत के कुल व्यापारिक निर्यात में योगदान बढ़ाने की दिशा में प्रयासरत हैं।
कई प्रोडक्ट का निर्यात
वित्तीय वर्ष 2023-24 में दवा उत्पाद, कपास, परमाणु रिएक्टर, बायलर, मशीन, कपड़ा, जैविक रसायन, एल्युमिनियम, धातु, अनाज, विद्युत मशीनरी उपकरण, प्लास्टिक जैसे प्रोडक्ट का निर्यात हुआ है। सबसे ज्यादा दवा उत्पादों का निर्यात हुआ। इनका निर्यात मूल्य 13,158 करोड़ रुपये है। अगले तीन सालों में मध्य प्रदेश का निर्यात दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मेक इन इंडिया कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है, इसके अंतर्गत डिफेंस सेक्टर पर विशेष फोकस किया गया है। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव की मंशानुसार प्रदेश में उद्योगों की श्रृंखला स्थापित करने की इस सोच से प्रदेश में औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलेगा। एमएसएमई सेक्टर का अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है। प्रदेश के 16 जिलों में भी नई उद्योग इकाई लगाने की योजना प्रस्तावित है।
चेतन्य काश्यप, मंत्री एमएसएमई मप्र