फूलपुर: आम चुनाव खत्म होने के बाद अब सभी राजनीतिक दलों की निगाहें 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर टिकी हैं। भाजपा जहां आम चुनाव में अपने खराब प्रदर्शन पर आत्ममंथन कर रही है, वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) ने फूलपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। पार्टी नेतृत्व ने विधानसभा क्षेत्र के 435 बूथों को 43 सेक्टरों में बांटकर सभी अग्रिम पंक्ति के संगठनों को बूथ स्तर पर तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करने का जिम्मा सौंपा है।
एसपी की रणनीतिक योजना
फूलपुर उपचुनाव के लिए प्रयागराज के विधायकों को जिम्मेदारी सौंपे जाने के साथ ही सपा की रणनीति जोरों पर है। पूर्व विधायक और सांसद भी प्रचार में जुटे हैं। सूत्रों के मुताबिक, सपा फूलपुर उपचुनाव में मुस्लिम और यादव उम्मीदवारों को छोड़कर ओबीसी समुदाय से उम्मीदवार उतारने पर विचार कर रही है।
क्षेत्र-स्तरीय जिम्मेदारियाँ
विभिन्न समितियों के पदाधिकारियों और सभी अग्रिम संगठनों के प्रमुखों को सेक्टर स्तर पर जिम्मेदारी सौंपी गई है। पार्टी कार्यालय में हुई बैठक में चुनाव की तैयारियों के लिए आवश्यक रणनीति बनाई गई। मतदाता सूची को दुरुस्त करने पर जोर दिया गया, क्योंकि पिछले आम चुनाव में कई बूथों पर गड़बड़ी के कारण मतदाताओं और मतदान कर्मियों के बीच विवाद की स्थिति बनी थी। इसके समाधान के लिए रणनीति बनाई जाएगी।
10 सीटों पर चुनाव
उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे: सीसामऊ, कटेहरी, कुंदरकी, करहल, मिल्कीपुर, खैर, फूलपुर, गाजियाबाद, मझवा और मीरापुर। इनमें से पांच सीटें (करहल, सीसामऊ, मिल्कीपुर, कटेहरी और कुंदरकी) समाजवादी पार्टी के पास थीं, जबकि भाजपा के पास खैर, गाजियाबाद और फूलपुर थीं। मझवा पर निषाद पार्टी और मीरापुर पर आरएलडी ने जीत दर्ज की।
फूलपुर सीट सपा के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि वह आगामी उपचुनावों में अपनी राजनीतिक जमीन हासिल करने और अपनी ताकत दिखाने के लिए प्रयास तेज कर रही है।