डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने राज्य योजना आयोग के अध्यक्ष पद का कार्यभार ग्रहण कर लिया है

रायपुर। विधायक डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग के अध्यक्ष का पद ग्रहण किया। इस दौरान छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष भालू देवांगन, अखिल भारतीय शुगर मिल फेडरेशन के सदस्य कुमार सिंह देव, नई दिल्ली, और क्षेत्र के साथ ही राज्य योजना आयोग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहेंगे। राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह एवं सदस्य डाॅ. के. सुब्रमण्यम, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा ने पुष्पगुच्छ उद्योगपति का स्वागत किया। राज्य योजना आयोग के सदस्य सचिव अनूप उपाध्याय ने आयोग की नौकरी के संबंध में जानकारी दी।

उल्लेखनीय है कि राज्य योजना आयोग की ओर से थिंक टैक के रूप में कार्य किए गए हैं राज्य विकास के लिए रचनात्मक रणनीति, रणनीति और अनुशंसा सतत रूप से दिए जा रहे हैं। योजना आयोग के जनवरी वर्ष 2020 में पुर्नगठन के बाद उल्लेखनीय उपलब्धियाँ उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री की परिकल्पना के अनुसार शासन का महत्वकांक्षी योजनाएं- नरूवा गरूवा, घुरूवा, बबी, ​​गोधन न्याय योजना, इथेनॉल यूनिट, रीपा की अवधारणा राज्य योजना आयोग की ओर से तैयारी की गई।

सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) की प्राप्ति के लिए फर्मवर्क शोरूम का कार्य राज्य योजना आयोग की ओर से किया जा रहा है। प्रदेशजी लक्ष्य की समयबद्धता के लिए सत्य है। ‘जनघोषणा पत्र’ के संप्रदाय में भी ‘अंत्योदय’ का संकल्प शामिल है। विद्वान जी के सिद्धांत के सिद्धांत ही सरकार अपनी परिभाषा को इस प्रकार क्रियान्वित कर रही है। इससे विकास का लाभ अंतिम छोर पर बैठा व्यक्ति तक प्रभावी रूप से पहुंच सके। राज्य योजना आयोग की ओर से तैयार की गई एसोसिएटेड बोर्ड से संबंधित विभिन्न रिपोर्ट यथा-छत्तीसगढ़ क्रेडिटर्स फ्रेमवर्क, छ.ग. कामरेड इंडीकेटर फ्रेमवर्क, छत्तीसगढ़ मंडलजी बेसलाइन और प्रोग्रेस रिपोर्ट, छत्तीसगढ़ कामरेडजी कामरेड प्रोग्रेस रिपोर्ट तैयार हो गई है, जिसे मुख्यमंत्री की ओर से विमोचित किया गया है।

रीडरजी की ऑनलाइन मॉनिटरिंग में सहायता के लिए प्रत्येक जिले को ‘स्कोर’ और रैंकिंग प्रदान करने के लिए ‘एसडीजी डैशबोर्ड’ तैयार किया जाता है, जो कि 2030 तक डॉकजी को निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में पथ प्रकाश का कार्य करता है। राज्य योजना आयोग की ओर से कार्यदलों और कार्यसमूहों के गठन के लिए राज्य के अत्यंत उपयोगी घटकों के संकलन के उपयोग के लिए विषयों को अंकित किया गया है। कृषि, जल एवं खाद्य, खाद्य एवं लघु वनोपज कंपनियों एवं संबद्ध क्षेत्रों का विकास, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा, वित्त, जनसंख्या विकास, ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में गरीबी समेकन, शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण एवं खाद्य सुरक्षा, उद्योग, कौशल विकास, तथा रोजगार , सामाजिक सुरक्षा, कला और संस्कृति संवर्धन, पर्यटन और ग्रामोद्योग के क्षेत्र में सलाह विशेषज्ञ, पर्यटन के साथ गहन विचार मंथन कर सलाह दी गई है। संबंधित विभाग इन दस्तावेजों के परीक्षण के बाद लागू होने की संभावना का आकलन कर एसोसिएट्स का कार्य सुनिश्चित करेंगे, जिससे कि सभी क्षेत्रों में संभावित प्रभावी प्रतिफल प्राप्त हो सके।