रायपुर न्यूज़: रायपुर। एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा बीस हजार रु. के रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार की गई महिला प्रभारी वेदमती दारियो की जमानत अर्जी विशेष अदालत ने खारिज कर दी। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद निर्णय दिया कि केसर डायरी के अनुसंधान से आर्थिक अपराध का प्रथम दृश्य दर्शन होता है। एपिसोड की शुरुआत को देखते हुए आवेदिका की ओर से प्रस्तुत आवेदन के लिए आवेदन किया गया है।
विशेष न्यायाधीश (भ्र.नि.अधि.) प्रथम एवं अपर सत्रह न्यायाधीश निधि शर्मा तिवारी की अदालत में उनके जमानत आवेदन पर मंगलवार को सुनवाई की गई। अवेदिका की ओर से प्रस्तुत आवेदन में कहा गया है कि उसे फर्जीवाड़ा किया गया है। आपराधिक अपराध में आवेदिका की कोई भूमिका नहीं है। आवेदिका
कार्मिक कर्मचारी एवं छत्तीसगढ़ के स्थायी निवासी हैं, जिसके कारण बैचलर होने की संभावना नहीं है। अवैदिका ज़मानत पर न्यायालय द्वारा अधिरोपित सभी छात्रों का पालन करने की तैयारी है। मूलतः अनुरोध है कि जमानत का लाभ प्रदान किया जाए।
राज्य आर्थिक विज्ञान संकाय स्टूडियो राजपूत की ओर से प्रस्तुत विरोध पत्र में उप अभियोजक मिथलेश वर्मा ने आवेदन दाखिल करने के लिए आवेदन दाखिल करने का अनुरोध किया है। तर्कश ने प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रार्थिया प्रीति बंजारे अपने पति और मुस्लिम पक्ष के लिए नामांकन के लिए शिकायत लेकर आई थीं। कहानी के बाद पैसे क्राइम पंजाबीबिड करने के लिए की मांग की गई।
एसीबी ने आरोप लगाया कि प्रार्थिया से बीस हजार रुपये रिश्वत रंगे हाथ पकड़ा गया है। आरोप से रिश्वत की नकदी गवाहों की जब्ती की गई है। प्रकरण में होने वाले गवाहों का कथन शेष है, साक्ष्यों की प्रमाणिकता प्रभावित हो सकती है। इसमें कहा गया है आवेदन पत्र दाखिल करने का अनुरोध किया गया है।