वैश्विक बाजारवादी शक्तियों से बचना होगा सावधान, वैश्विक बाजार बलों अध्ययन सर्कल के आयोजन में रखी गई बात

रायपुर। वैश्विक बाजारवादी शक्तियों ने भारत के आर्थिक, सामाजिक, रक्षा, कृषि, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों को व्यापक रूप से प्रभावित किया है। वैश्वीकरण के विविध विश्व के विकासशील देशों की अर्थव्यवस्थाओं को नियंत्रित करने और संचालित करने के लिए कुछ मुट्ठीभर देश सक्रिय हैं। वैश्विक संगठन, गैरसरकारी संगठन, मल्टी नेशनल कम्पनियां, बिग टेक टूल्स बने हैं। ये बातें ग्लोबल मार्केट फोर्सेस के स्टडी सर्कल के आयोजनों में सामने आईं।

कार्यक्रम में कृषि, फार्मास्यूटिकल, रक्षा, बैंकिंग एवं वित्त तथा तेल एवं गैस जैसे विषयों पर पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिया गया। इस अवसर पर पीजीटी के माध्यम से स्टडी सर्कल के अध्ययन के बिंदु सामने रखे गए। इसमें बताया गया है कि कैसे दुनिया के मुट्ठीभर ताकतवर लोग, संगठन, सरकार और बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपने आर्थिक लाभ के लिए दुनिया को एक बाजार बना रही हैं।

विश्व मे समय प्रति समय होने वाले युद्धों के कारण पर भी प्रकाश डाला गया। रक्षा और विश्व के दवा बाजार में अमेरिका जैसे देशों के एकाधिकार पर भी चर्चा हुई।

आयोजनों में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मध्य क्षेत्र के प्रचार प्रमुख कैलाश जी ने भी अपनी बात रखी। इस अवसर पर व्यापार जगत, मीडिया, सामाजिक क्षेत्र, किसान, डॉक्टर्स, फार्मा विशेषज्ञ, रक्षा विशेषज्ञ उपस्थित रहे। कार्यक्रम के संयोजक अश्विनी कौशिक थे। आभार जगदीश पटेल ने माना.