रोहित कश्यप, मुंगेली। भीषण गर्मी में लोरमी विकासखंड के बथाना गांव के लोगों को गंभीर जल संकट से गुजरना पड़ रहा है। गांव के दर्जनों सरकारी हथपंप में से एकाध को छोड़कर लगभग सभी हथपंप बंद पड़े हैं, या जलस्तर के नीचे गिरने से अनुपयोगी हैं। यह गांव की खासियत है कि यह विधायक धर्मजीत सिंह का गृह ग्राम है, जहां से वे हर चुनाव में वोट करते हैं। यह भी पढ़ें : एनआईए ने जगदलपुर की विशेष अदालत में 3 माओवादियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया, जानिए पूरा मामला…
करीब 2200 की आबादी वाले ग्राम बथाना के सभी हथपंप बंद पड़े हैं। या तो खराब हैं, या फिर पानी नीचे गिर गया है। यही कारण है कि लोगों को पानी पीने के लिए रोजाना पीना पड़ता है। यह बात हम नहीं बल्कि ग्रामवासियों का कहना है। स्वास्थ्य की माने तो लो- वोल्टेज की समस्या अभिशाप साबित हो रही है, इसके कारण बोर का मोटर पंप चल नहीं रहा है, जबकि कूलर और फैन शो-पीस साबित हो रहा है।
भीषण गर्मी से लोगों का हाल बेहाल है. यही नहीं वोल्टेज की समस्या के कारण गर्मी की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है। समय पर पानी नहीं मिल पाया. इसके अलावा कुछ सरकारी हैंडपंप पर निजी व्यक्तियों द्वारा मोटर पंप लगाने की शिकायत की गई है, जबकि सरकारी हैंडपंप पर सरकारी तौर पर पंप लगाया जाना चाहिए, जिससे उसका सार्वजनिक उपयोग सुगम हो सके।
विधायक धर्मजीत सिंह का गृहग्राम है यह गांव
छवि चंद्रनाथ दुबे, गिरधरलाल दीक्षित, दीपक पाठक सहित अन्य स्थानीय पाठकों का कहना है कि निस्तारी तो दूर पीने के पानी के लिए भी काफी जद्दोजहद करना पड़ रहा है, वह भी तब जब यह गांव विधायक धर्मजीत सिंह का गृह ग्राम है। भले ही विधायक धर्मजीत सिंह वर्तमान में तखतपुर के विधायक हैं, लेकिन अब भी वे बतहा के ही वोटर हैं, हाल में हुए लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने यही वोट किया है।
जल जीवन मिशन का भी हाल बेहाल
गांव में रहने वाले श्रीराम कश्यप, रामनाथ कश्यप और रंजन कश्यप बताते हैं कि उन्हें उम्मीद थी कि जल जीवन मिशन योजना से घरों में पानी रहने से जल संकट से उन्हें समाधान मिल जाएगा, लेकिन ग्रामीणों ने बताया कि जल जीवन मिशन का भी हाल है- बेहाल है. साल भर हो गए पानी टंकी बने. एक-दो बार पानी भरकर चेक भी किया गया, जिसमें सीपेज की बात सामने आई। सैनिकों की जरूरत को देखते हुए गांव के आधे घरों में कनेक्शन तो पंहुचा दिया गया है। लेकिन आधे घरों में कनेक्शन ही नहीं पहुंचाया जाता है, और लंबे समय से काम ठप पड़ा है।
बेतरतीब तरीके से गली निर्माण
इस तरह इस योजना से पानी की तरह बहने की उम्मीद करना बेमानी साबित हो रही है। निर्माण कार्य बेहतर तरीके से दिखने के अलावा निर्माण कार्य में उपयोग किये जा रहे सामग्री व सामग्री की गुणवत्ता पर प्रश्न उचित तरीके से जांच की मांग की गई है। कनेक्शन जोड़े के लिए गांव के बीच में गण्डा खोदा गया था, जिसके लिए कुछ लोगों ने खुद पैसे लगाए हैं, जबकि आज भी कई जगहें पक्की बनी हुई हैं।