श्री.राघव गहवे, बिलासपुर। उच्च न्यायालय ने कुशाभाऊ विश्वविद्यालय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की याचिका पर अन्य को अवमानना नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 10 जून को होगी.बता दें कि पूर्व में भी दायर अवमानना याचिका पर विश्वविद्यालय ने कोर्ट के विवरण आदेश का पालन करने और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को काम नहीं करने का आश्वासन दिया था. विश्वविद्यालय के दावे पर कोर्ट ने 2 फरवरी 2024 को सुनवाई कर अवमानना याचिका निराकृत की थी।
दरअसल, यूनिवर्सिटी ने दैनिक वेतनभोगियों की सेवा समाप्त करने का आदेश दिया था। कर्मचारियों ने इसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। इसके बाद विवि के एसेट कुल सचिव चन्द्रशेखर ओझा ने नोट नोट पर पितृ पक्ष बलदेव भाई शर्मा को सूचित कर दैनिक कर्मचारियों की सेवा बहाली के लिए लिखा था। फादरफाल ने इसका पूरा विवरण नहीं दिया और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को विश्वविद्यालय में न तो उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर किया जा रहा था और न ही उनकी उपस्थिति दर्ज की जा रही थी।
दूसरी ओर, काम नहीं तो वेतन नहीं का आदेश जारी कर विश्वविद्यालय ने दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को निकालना शुरू कर दिया। जबकि उच्च न्यायालय ने 27 सितंबर 2022 को विवि को आदेश दिया था कि दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को आगामी आदेश तक कार्य से अलग नहीं किया जाएगा। इस आदेश का पालन नहीं किया गया और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को कार्य एवं वेतन समाप्ति से वंचित रखने पर दूसरी बार अवमानना याचिका दायर की गई। सुनवाई के बाद वेकेशन जज एनके चन्द्रवंशी ने नोटी जारी कर अगली सुनवाई 10 जून को रखी है।
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